( mediasaheb.com )सरकार की नीतियों के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर यूनाइटेड फ्रंट ऑफ ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (United Front of Transport Association) ( UAFTA ) ने एक दिन का सांकेतिक चक्का जाम करने का निर्णय लिया है. सड़कों से ज्यादातर टैक्सियां गायब हैं. यहां तक कि सड़कों पर ऑटो भी नहीं दिख रहे हैं.
ट्रैफिक नियम संशोधन अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के खिलाफ गुरुवार को यूनाइटेड फ्रंट ऑफ ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (यूएफटीए) ने एक दिन का हड़ताल किया है. इस हड़ताल से दिल्ली-एनसीआर में लोगों को काफी दिक्कतें आ रही हैं. हालांकि, इस हड़ताल में ओला और ऊबर शामिल नहीं है, लेकिन इसके ड्राइवर हड़ताल कर रहे हैं. क्योंकि, उन्हें डर है कि गाड़ी चलाने के दौरान हड़ताल करने वाले संगठन उनकी कार और सवारी को नुकसान पहुंचा सकते हैं. इस कारण सड़कों से ज्यादातर टैक्सियां गायब हैं. यहां तक कि सड़कों पर ऑटो भी नहीं दिख रहे हैं.
नए मोटर व्हीकल एक्ट का देशभर के अलग-अलग राज्यों में भी विरोध हो रहा है. राज्य सरकारें भी इसे पूरी तरह से लागू करने से हिचक रही हैं. हड़ताल का आह्वान करने वाले संगठन यूएफटीए में ट्रक, बस, ऑटो, टेंपो, मेक्सी कैब और टैक्सियों का दिल्ली/एनसीआर में प्रतिनिधित्व करने वाले 41 यूनियन और संघ शामिल हैं. ये हड़ताल सुबह 6 बजे से लेकर रात 10 बजे तक चलेगी.
ये है यूएफटीए की प्रमुख मांगें
सरकार की नीतियों के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर यूएफटीए ने एक दिन का सांकेतिक चक्का जाम करने का निर्णय लिया है. उनकी मांगें हैं…
- मोटर वहीकल एक्ट 2019 संशोधन बिल में अत्यधिक बढ़े हुए चालान की रकम को वापस लिया जाए.
- अगर कॉमर्शियल वाहन से एक्सीडेंट हो तो MACT क्लेम को लेकर इंश्योरेंस कंपनी की लायबिलिटी की सीमा तय की जाए.
- HGV के लिए इनकम टैक्स के एक्ट 44 एई में बढ़ाए गए रेट को कम किया जाए.
- ड्राइवरों और उनके परिवारों के लिए सोशल सिक्योरिटी सिस्टम के तहत बीमा होना चाहिए.
- वाहन बीमा में पांच लाख रुपए तक ही इंश्योरेंस कंपनियों को पेमेंट करने का आदेश वापस लेकर, राशि की सीमा बढ़ाई जाए.
अधिकतर स्कूलों में छुट्टी
जानकारी के मुताबिक कई लोगों को अपने बच्चों के स्कूलों से संदेश मिला है कि गुरुवार को शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे. गैर सहायता प्राप्त निजी स्कूलों की एक्शन कमेटी के महासचिव भरत अरोड़ा के मुताबिक ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल के कारण अधिकतर स्कूलों ने छुट्टी का ऐलान किया है.
क्या हैं नए ट्रैफिक नियम?
नए कानून के अनुसार, गलत और खतरनाक तरीके से वाहन चलाने वालों को पहली बार दोषी पाए जाने पर छह महीने से एक साल तक जेल या 1,000 से 5,000 रुपये का जुर्माना या दोनों की सजा सुनाई जाएगी. दूसरी बार दोषी पाए जाने पर दोषी को 10,000 रुपये तक का जुर्माना देना होगा.
शराब पीकर गाड़ी चलाने पर पहली बार दोषी पाए जाने पर छह महीने जेल या 10,000 रुपये का जुर्माना या दोनों की सजा सुनाई जाएगी. वहीं दूसरी बार दोषी पाए जाने पर दो साल तक की जेल या 15,000 रुपये तक की जेल की सजा या दोनों सुनाई जाएगीं.
बिना लाइसेंस वाहन चलाने पर 5,000 रुपये का जुर्माना कर दिया गया है जो पहले सिर्फ 500 रुपये था. योग्य ना होने के बावजूद वाहन चलाने पर पहले सिर्फ 500 रुपये था, जो अब बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दिया गया है.
निर्धारित सीमा से अधिक गति से वाहन चलाने पर जुर्माना 400 रुपये से बढ़ाकर 1,000 रुपये कर दिया गया है. हल्के मोटर वाहन के मामले में यह 2,000 रुपये है. इस मामले में मध्यम यात्री या माल ढोने वाले वाहनों पर जुर्माना 2,000 रुपये से 4,000 रुपये हो गया है.
बच्चे द्वारा वाहन चलाने पर वाहन का रजिस्ट्रेशन भी एक साल के लिए रद्द किया जा सकता है. एक साल पूरा होने पर आपको अपने वाहन के रजिस्ट्रेशन के लिए फिर से नया आवेदन करना होगा.