लॉस-एंजेल्स, (mediasaheb.com) अमेरिका ने एक बार फिर कहा है कि आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और उसके सरगना मसूद अजहर के बारे में उसके विचार जग जाहिर हैं। अमेरिका की निगाह में जैश-ए-मोहम्मद एक नामित आतंकी संगठन है। उसकी आतंकी गतिविधियों एवं हमलों से क्षेत्र की शांति और स्थायित्व को खतरा बना हुआ है। अमेरिका ने माना कि जैश-ए-मुहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध समिति ओर से आतंकी सूची में डाले जाने पर दुनिया भर में तीव्र प्रतिक्रिया हो रही है।
अमेरिकी विदेश विभाग के उप-प्रवक्ता रॉबर्ट पालाडिनो ने गुरुवार को संवाददाता सम्मेलन में यह स्वीकार किया कि मसूद अजहर के खिलाफ प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव पर चीन पहले तीन बार वीटो का इस्तेमाल कर चुका है। आगे उसका क्या रवैया होगा, इस पर टिप्पणी करना ठीक नहीं होगा, लेकिन अमेरिका की कोशिश रहेगी कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ओर से प्रतिबंधित सूची में ऐसे आतंकवादियों पर नकेल कसी जाए और सूची में अपेक्षित विस्तार हो।
पालाडिनो ने कहा कि अमेरिका की ओर से पाकिस्तान से यह बराबर मांग की जाती रही है कि वह आतंकी गतिविधियों पर सतत और अचूक कार्रवाई करे ताकि भविष्य में आतंकी गतिविधियों की कोई गुंजाइश ही न बचे। इसके लिए अमेरिका सुरक्षा परिषद की इस अपील पर भी जोर देता आ रहा है कि वह (पाकिस्तान) आतंकवादियों को शरण देने से बचे और फंडिंग पर प्रभावी रोक लगाते रहे। एक अन्य सवाल के जवाब में पालाडिनो ने कहा कि अमेरिका की ओर से पाकिस्तान से लगातार यह मांग की जाती रही है कि वह क्षेत्रीय शांति और स्थायित्व के लिए आतंकी संगठनों पर नकेल कसता रहे।(हि.स.) ।