रायपुर (mediasaheb.com)कोरोना के बावजूद देश भर में गणेश चतुर्थी आज उत्साह से मनाई गई कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर परवानी, कार्यकारी अध्यक्ष मंगेलाल मालू, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, कार्यकारी महामंत्री परमानंद जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं प्रवक्ता राजकुमार राठी ने बताया कि कोरोना के डर के बावजूद आज देश भर में गणेश चतुर्थी का त्योहार बहुत उल्लास और उमंग से मनाया गया और लोगों बेहद श्रद्धापूर्वक अपने घरों में श्री गणेश जी की प्रतिमा की स्थापना की और पूजन अर्चन किया।
कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री अमर पारवानी ने बताया कि इस बार के गणेश चतुर्थी पर कोरोना के कारण सरकार द्वारा लगाए गए विभिन्न प्रतिबंधों के चलते हर साल लगने वाले गणेश पूजन के बड़े बड़े पंडाल कहीं नहीं लगे। लेकिन लोगों ने इसकी कसर अपने घरों में बड़ी मात्रा में गणेश प्रतिमा स्थापित कर पूजा की। मुंबई के देश प्रसिद्ध लाल बाग का राजा एवं रायपुर के बहुत से प्रष्ठित स्थानों पर बड़े स्तर में आयोजित होने वाले गणेश पंडाल इस वर्ष कोरोना के कारण नहीं लग सकंे। देश भर में प्रतिवर्ष लगभग 10 हजार से ज्यादा छोटे बड़े पंडाल लगते थे और बड़ी संख्या में आम लोग इन पंडालों में जा कर गणेश जी की पूजा किए करते थे लेकिन इस वर्ष एक भी पंडाल नहीं लगा। आज से शुरू हुआ गणेश उत्सव का त्योहार अगले दस दिनों तक चलेगा और अंतिम दिन प्रतिमा विसर्जन के दिन में प्रतिमाएँ जल में विसर्जित की जाएँगी।
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के चीनी वस्तुओं के बहिष्कार के आह्वान के तहत इस वर्ष के सभी त्योहारों को भारतीय सामान के इस्तेमाल के साथ मनाने का देश भर में व्यापक समर्थन दिखाई दिया जिसके फलस्वरूप हर साल गणेश चतुर्थी पर चीन के बने गणेश जी के बहुतायत इस्तेमाल की जगह लोगों द्वारा स्थानीय शिल्पकारों और कलाकारों द्वारा बनाए गई गणेश जी की प्रतिमाओं को पूजन के लिए इस्तेमाल करने पर ज्यादा जोर रहा।
श्री पारवानी ने आगे बताया कि बहुत से गणेश जी की प्रतिमाओं को स्थानीय कलाकारों द्वारा विशेष रूप से बनाया है, जिसमें खास तौर पर मिट्टी, खाद एवं गोबर से बनी गणेश जी की प्रतिमाएँ जिसमें तुलसी, सदाबहार तथा खेती के बीजों को डाला गया जिससे की विसर्जन के बाद इन बीजों को पौधों में लगाया जा सके । साथ ही इस बार 6 इंच, 9 इंच और 12 इंच के गणेश जी की माँग ज्यादा रही क्योंकि इन गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन सहजता के साथ लोग अपने घरों में किसी बाल्टी अथवा अन्य किसी बड़े पात्र में कर सकते हैं।