नई दिल्ली, (media saheb) सरकार मंगलवार को राफेल युद्धक विमान सौदे से जुड़ी नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट संसद में पेश कर सकती है। यह रिपोर्ट इस कारण भी महत्वपूर्ण है कि सत्ता पक्ष और विपक्ष में राफेल सौदे में कथित भ्रष्टाचार को लेकर घमासान मचा हुआ है। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन(संप्रग) सरकार में मंत्री रहे एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता कपिल सिब्बल ने रविवार को कैग की रिपोर्ट पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि महालेखा परीक्षक राजीव महर्षि को हितों के टकराव के चलते राफेल के लेखा परीक्षण से खुद को अलग कर लेना चाहिए। उन्होंने कहा था कि समझौते के समय महर्षि वित्त सचिव थे। इसी मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस नेता पर कैग की रिपोर्ट पर संदेह पैदा करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि कैग पर एक और हमला कर इस संस्थान पर झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार के दस साल बाद संप्रग के पूर्व मंत्रियों को अब भी यह पता नहीं है कि वित्त सचिव केवल वित्त मंत्रालय में वरिष्ठतम सचिव को दिया गया पदनाम है। रक्षा मंत्रालय की फाइलों को सचिव(व्यय) द्वारा निपटाया जाता है। उल्लेखनीय है कि 16वीं लोकसभा का अंतिम सत्र 31 जनवरी से शुरू होकर 13 फरवरी तक चलेगा। राफेल सौदे को लेकर संसद में विपक्ष के तीखे तेवर देखते हुए सरकार कैग की रिपोर्ट सत्र के समाप्त होने से महज एक दिन पहले मंगलवार को पेश कर सकती है। दोनों सदनों में रिपोर्ट को एक साथ पेश किया जाएगा। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का यह अंतिम सत्र है। इसके बाद मार्च महीने में आम चुनाव की घोषणा होगी। (हि.स.)।