लंदन/नई दिल्ली, (mediasaheb.com) आर्थिक भगोड़े नीरव मोदी की लंदन स्थित वेस्ट मिनिस्टर मजिस्ट्रेट अदालत ने शुक्रवार को जमानत अर्जी खारिज कर दी। मामले की अगली सुनवाई अब 26 अप्रैल को होगी। नीरव मोदी को आर्थिक घोटाला करने के आरोप में ब्रिटेन सरकार ने भारत के अनुरोध के बाद वहां गिरफ्तार किया था।
भारतीय जांच एजेंसियों की ओर से ब्रिटेन के अभियोजक टॉबी केडमेन ने कहा था कि इस बात का अंदेशा है कि नीरव मोदी भाग सकता है। इस बात की भी आशंका है कि अभियुक्त गवाहों को प्रभावित और सबूतों को नष्ट कर सकता है। ब्रिटेन के अभियोजक ने यह सनसनीखेज खुलासा किया कि नीरव मोदी ने एक गवाह आशीष लाड को जान से मारने की धमकी दी थी।
नीरव मोदी के वकील ने अपने मुवक्किल को जमानत देने की गुहार करते हुए कहा कि जमानत पर रिहाई के बाद नीरव मोदी पर कड़ी शर्तें लगाई जा सकती हैं। इसके तहत उनके मुवक्किल को घर में कैद रखने और 24 घंटे उसकी इलेक्ट्रॉनिक निगरानी रखी जा सकती है। नीरव मोदी पर स्थानीय थाने में नियमित रूप से उपस्थिति दर्ज कराने की शर्त लगाई जा सकती है। साथ ही उसे एक ऐसा विशेष फोन दिया जा सकता है जिसके जरिए अधिकारी जब चाहें तब उससे संपर्क कर सकते हैं। वह 2018 जनवरी से लंदन में रह रहा है। अगस्त 2018 से उन्हें पता है कि उन्हें प्रत्यर्पित किया जा सकता है वह ब्रिटेन में खुलेआम रह रहे हैं और उन्होंने भागने का कोई प्रयास नहीं किया हैं।मजिस्ट्रेट की जमानत याचिका खारिज किए जाने पर अदालत में मौजूद भारतीय जांच एजेंसियों के अधिकारियों ने खुशी जाहिर की।(हि स)।