रायपुर (mediasaheb.com) हिदिवासी भारत महासभा द्वारा जंगल से आदिवासियों की बेदखली के मामले में 5 मार्च को बुलाए गए भारत बंद का प्रदेश में कोई असर नहीं पड़ा है। छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज ने बंद के इस आह्वान से अपने -आप को अलग रखा है। जानकारी के अनुसार जंगल से बेदखली पर आंदोलन को लेकर आदिवासी समाज में दो गुट बन गए हैं। छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के अध्यक्ष बीपीएस नेताम ने कहा है कि बामसेफ और अन्य संगठनों ने बंद का आह्वान किया है, हमने नहीं। उन्होंने बताया कि हम लोग अपनी अलग रणनीति तय करेंगे। 9 मार्च को एससी,एसटी एवं ओबीसी तथा संयुक्त मोर्चा के तत्वाधान में रैली निकाली जाएगी। हिन्दुस्थान समाचार से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि उनका संगठन सुप्रीम कोर्ट के निर्णय और सरकार के रवैया के खिलाफ है।
हम सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को पूरी तरह से निरस्त करने की मांग करते हैं। अभी तक पूरे प्रदेश में कहीं से भी बंद को लेकर कहीं कोई हलचल नहीं सुनाई पड़ी है। प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य संभाग बस्तर एवं सरगुजा में भी बंद को लेकर अभी तक कहीं कुछ सुनने को नहीं मिला है।कोरबा से भी जहां अभी हाल ही में जंगल की जमीन से बेदखली के निर्णय को लेकर आदिवासी ने एक विशाल रैली निकाली थी, वहां से भी बंद की कहीं कोई खबर नहीं है। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ सरकार के आदेश पर प्रदेश के सभी जिलों के कलेक्टर ने वन अधिकार के दावों की समीक्षा शुरू कर है ।(हि.स.)