नई दिल्ली, (media saheb.com) कोर्ट की अवमानना के मामले में अनिल अंबानी आज फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। कोर्ट में सुनवाई के दौरान एरिक्सन की ओर से वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने कहा कि ये राजाओं की तरह रहते हैं। सोचते हैं कि ये मानवता के लिए भगवान द्वारा दिये गए उपहार स्वरूप हैं। इनके पास राफेल में इन्वेस्ट करने के लिए पैसा है, परंतु ये कोर्ट के आदेशों का मान नहीं रखना चाहते हैं। एरिक्सन की ओर से दुष्यंत दवे ने कहा कि ये केस सभी तथ्यों को स्पष्ट कर रहा है। इन्हें पैसा देना ही चाहिए| साथ ही इन्हें अवमानना की सजा भी मिलनी चाहिए। ये अवमानना का साधारण केस नहीं है बल्कि एक असाधारण मामला है। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में अभी सुनवाई जारी है।
पिछले 12 फरवरी को सुनवाई के दौरान आरकॉम की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि मुकेश अंबानी की कंपनी जियो उसे खरीदने वाली थी। लेकिन ये सौदा अटक गया है। एरिक्सन की लगभग 550 करोड़ की बकाया रकम चुकाने में नाकाम रहने पर सुप्रीम कोर्ट ने आरकॉम को अवमानना का नोटिस जारी किया था। कोर्ट ने अनिल अंबानी को व्यक्तिगत रूप से पेश होने को भी कहा था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक आरकॉम को 550 करोड़ रुपये 15 दिसंबर तक चुकानी थी लेकिन उसका भुगतान वह नहीं कर पाई। इसके बाद एरिक्सन ने इसे कोर्ट की अवमानना बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर किया है। पहले की सुनवाई के दौरान आरकॉम ने कोर्ट की रजिस्ट्री को 118 करोड़ रुपये जमा कराने का प्रस्ताव दिया था। लेकिन एरिक्सन के के वकील ने इससे इनकार करते हुए कहा कि उसकी पूरी रकम चुकाई जाए।
उसके बाद कोर्ट ने आरकॉम को निर्देश दिया कि 118 करोड़ रुपये का डिमांड ड्राफ्ट जमा करवा दिया जाए। एरिक्सन ने अपनी याचिका में कहा है कि अनिल अंबानी को पैसे का भुगतान नहीं किए जाने तक जेल में भेजा जाए। 23 सितंबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने आरकॉम को निर्देश दिया था कि वो 15 दिसंबर तक एरिक्सन के बकाये के भुगतान कर दे। कोर्ट ने कहा था कि अगर रकम चुकाने देरी हुई तो सालाना 12 फीसदी ब्याज की दर से भुगतान करे।(हि.स.)।