नई दिल्ली, (mediasaheb.com)। अयोध्या मामले की सुप्रीम कोर्ट में 20वें दिन की सुनवाई पूरी हो गई। मुस्लिम पक्ष के वकील ने गुरुवार को भी अदालत में माना कि राम चबूतरा पर निर्मोही अखाड़ा पूजा करता रहा है और इस पर उनका अधिकार है। अगली सुनवाई अब इस मामले पर बुधवार यानि 11 सितम्बर को होगी।
राजीव धवन ने कहा कि निर्मोही अखाड़ा सदियों से देवता का सेवक होने का दावा करता है। हम 1855 से मानते हैं। धवन ने कहा कि 1855 से बाहरी हिस्से के राम चबूतरा पर पूजा के सबूत हैं। चबूतरा को जन्मस्थान माना जाता था, मुख्य इमारत मस्ज़िद थी। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि अगर आप देवता की मौजूदगी और सेवक के दावे को मानते हैं तो हमें उनकी पूरी बात माननी होगी।
धवन ने कहा कि मैं सेवादार होने के उनके दावे को पूरी तरह झूठा नहीं कह सकता, लेकिन मालिकाना हक सुन्नी वक्फ बोर्ड का था। वो बाहरी हिस्से में पूजा कर रहे थे। मुख्य इमारत को मस्ज़िद ही माना जाता था। धवन ने कहा कि ट्रस्टी और सेवादार होने में अंतर होता है। राम चबूतरे पर पूजा और पूजा का अधिकार कभी मना नहीं किया गया। विवाद पूरे जमीन के स्वामित्व को लेकर है।
जस्टिस अब्दुल नजीर ने धवन से पूछा कि आप तो यह मान रहे हैं कि आप और निर्मोही अखाड़ा उस जगह पर साथ-साथ थे? राजीव धवन ने कहा कि हमने कभी नहीं कहा कि निर्मोही अखाड़े का मालिकाना हक़ था। मालिकाना हक़ हमेशा से सुन्नी वक्फ़ बोर्ड के पास था और है। राम चबूतरा पर निर्मोही अखाड़ा पूजा करता रहा है और हम इसे मानते हैं कि उनका उस जगह पर पूजा का अधिकार है। फिलहाल, अगले सोमवार और मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में छुट्टी है। अब इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट बुधवार यानि 11 सितम्बर को करेगा। (हि.स.)