वाशिंगटन/नई दिल्ली, (mediasaheb.com) अमेरिका ने फाइनेंशियल ईयर 2020 के लिए लोकप्रिय एच-1बी वीजा दिए जाने की संख्या 65 हजार तक सीमित कर दी है। दरअसल में एच-1बी वीजा गैर-प्रवासी वीजा है, जो कि भारतीय-चीनी पेशेवरों समेत विदेशी नागरिकों को अमेरिकी कंपनियों में नौकरी देने की अनुमति प्रदान करता है।
क्या है एच1 बी वीजा?
एच1 बी वीजा एक गैर-प्रवासी वीजा है, जो विदेशी कर्मचारियों को अमेरिका में काम करने की इजाजत देता है। सूचना प्रौद्योगिकी(आईटी) कम्पनियां इस वीजा पर बहुत अधिक निर्भर हैं। हर साल भारत और चीन जैसे देशों से हजारों कर्मचारियों को इस वीजा के जरिए नौकरियां मिलती हैं। इस वीजा के लिए आम तौर उच्च शिक्षा की जरूरत होती है। डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद एच-1बी वीजा बिल के मुताबिक एच-1बी वीजा के तहत अमेरिका आने वाले कर्मचारी की सालाना सैलरी कम से कम 1.30 लाख डॉलर होनी चाहिए। अभी सालाना सैलरी 60,000 डॉलर है। यहव्यवस्था 1990 में तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज बुश प्रथम ने शुरू की थी।
एक अप्रैल से एच-1बी वीजा के लिए आवेदन शुरू
अमेरिका में फाइनेंशियल ईयर एक अक्टूबर,2019 से शुरू होगा और यूएससीआईएस को एक अप्रैल से वीजा के आवेदन मिलने शुरू हो गए हैं। हालांकि एजेंसी ने यह नहीं बताया कि उसे पहले पांच दिनों में कितने आवेदन मिले हैं। हिंस