वाशिंगटन/तेहरान, ( mediasaheb.com) । ईरान के कुद्स फोर्स के प्रमुख जनरल कासिम सुलेमानी की अमेरिकी एयरस्ट्राइक में मौत के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने ईरान को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि ईरान अगर कोई हमला करता है तो उसके खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई करेंगे।
डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा, “मैं ईरान को सलाह दूंगा कि वह हम पर हमला न करे। हमारे पास दुनिया की सबसे बेहतर सेना है। हमने सैन्य उपकरणों पर दो ट्रिलियन डॉलर खर्च किए हैं। ईरान अगर किसी अमेरिकी बेस या किसी अमेरिकी नागरिक पर हमला करता है तो हम इसका कड़ा जवाब देंगे।”
ट्रंप का यह बयान ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स की कुद्स फोर्स के प्रमुख जनरल कासिम सुलेमानी की मौत के बाद आया है। अमेरिकी एयरस्ट्राइक में शुक्रवार को जनरल सुलेमानी मारे गए थे। इस पर ईरान ने कहा था कि वह सही समय और सही जगह पर इसका बदला लेगा। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अल-खामेनेई ने भी कहा था कि वे जनरल सुलेमानी की हत्या का बदला लेंगे।
इसी बीच, ईरान समर्थक गुटों ने शनिवार देररात इराक के बगदाद स्थित अमेरिकी दूतावास और अल-बालाद एयरबेस पर दो रॉकेट दागे। यहां अमेरिकी सैनिक तैनात हैं। रॉकेट हमले के तुरंत बाद अमेरिकी कंपाउंड में तेज आवाज में साइरन बजने लगे। बगदाद में अमेरिकी दूतावास है और पूरे इराक में इस वक्त करीब 5200 अमेरिकी सैनिक तैनात हैं।
राष्ट्रपति ट्रम्प ने रविवार को ट्वीट किया कि जनरल सुलेमानी की मौत के बाद ईरान अमेरिकी संपत्तियों को निशाना बनाने को लेकर बड़े साहस से बोल रहा है। अमेरिका ने ऐसी 52 ईरानी जगहों को चिह्नित किया है जो काफी महत्वपूर्ण हैं और ईरान एवं उसकी संस्कृति के लिए महत्वपूर्ण हैं। वो अमेरिका के निशाने पर हैं। ईरान अगर अमेरिका पर हमला करता है तो इसका जवाब तेजी से दिया जाएगा। ट्रम्प ने कहा कि 52 संख्या उन 52 अमेरिकियों का प्रतिनिधित्व करती है जिन्हें 1979 में ईरान में एक साल तक बंदी बनाकर रखा गया था।
इस बीच एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि संभावित जवाबी कार्रवाई का पहला संकेत देते हुए बगदाद में अमेरिकी दूतावास के निकट के एक इलाके में मोर्टार के दो गोले दागे गए। इसी दौरान अमेरिकी बलों की तैनाती वाले अल-बलाद वायुसेना अड्डे पर दो रॉकेट गिराए गए। इराकी सेना ने अल बलाद और बगदाद में मिसाइल हमलों की पुष्टि की है। इस हमले में कोई हताहत नहीं हुआ।
उल्लेखनीय है कि अमेरिका ने 25 अक्तूबर 2007 को कुद्स फोर्स को आतंकवादी संगठन और इसके प्रमुख जनरल सुलेमानी को आतंकवादी घोषित किया था। अमेरिका का कहना था कि सैकड़ों अमेरिकी नागरिकों की मौत के लिए सुलेमानी जिम्मेदार थे। जनरल सुलेमानी को ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अल-खामेनेई के बाद सबसे ताकतवर शख्स समझा जाता था।
इजराइली प्रधानमंत्री से पोम्पियों ने की बात
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने रविवार को इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से ईरान के प्रभाव और क्षेत्र में खतरों का मुकाबला करने के महत्व पर बात की। पोम्पियो ने ट्वीट किया, “इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू और मैंने ईरान की ओर से होने वाले खतरों को लेकर बात की। आतंकवाद से लड़ने में इजराइल के लगातार समर्थन के लिए मैं शुक्रगुजार हूं। इजराइल और अमेरिका के बीच का बंधन अटूट है। नेतन्याहू ने सुलेमानी को मार गिराने का समर्थन किया था।”
जनरल सुलेमानी का शव ईरान पहुंचा
इराक की राजधानी बगदाद में अमेरिकी एयरस्ट्राइक में मारे गए जनरल सुलेमानी का शव रविवार को ईरान पहुंचा। ईरान के लोग सुलेमानी को 1980-88 के ईरान-इराक युद्ध के नायक के तौर पर देखते हैं। सोमवार को आजादी स्क्वॉयर तक जुलूस निकालने से पहले ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला तेहरान विश्वविद्यालय में उन्हें श्रद्धांजलि देंगे। मंगलवार को उनके गृहनगर करमन में अंतिम संस्कार से पहले शिया के धार्मिक स्थल मासुमेह में श्रद्धांजलि समारोह के लिए उनके शव को पवित्र शहर कोम ले जाया जाएगा। (हि.स.)