यश चोपड़ा 🌹
*किंग ऑफ़ रोमांस*
उनकी जयंती पर संजय अनंत का विशेष आलेख….
यदि आप स्त्री-पुरुष के मध्य के शाश्वत आकर्षण, उनके मध्य पनपने वाले रोमांस, इश्क-प्रेम को समझना चाहते हैं, उसके विभिन्न रूप को देखना चाहते हैं, तो यश चोपड़ा जी से बेहतर गाइड आप को नहीं मिलेगा, वे ‘किंग ऑफ़ रोमांस’ हैं
आज भी उनके जाने के बाद भी कोई दूसरा डायरेक्टर नहीं आया, जो प्रेम की बारिकीयों को समझता हों और उसे बड़ी ही खूबसूरती से रुपहले परदे पर उतारता हों, वे आप को अपनी काल्पनिक दुनियां में ले जाएंगे जहां न कोई गरीबी हैं न जिंदगी की कोई जद्दोजहद..
उनके नायक नायिका बेहतरीन ड्रेस पहनते हैं, उनके पास शानदार बँगले, गाड़ियां होती हैं, उनकी फिल्मों के कर्णप्रिय संगीत, जो दुनियां के बेहतरीन टूरिस्ट डेस्टिनेशन में फ़िल्माए जाते हैं
इश्क के हर संभव रूप के दर्शन आप इनकी फिल्मों में करिये..
सब एक दूसरे से अलग..
बात की शुरुआत फ़िल्म ‘कभी-कभी’ से करते हैं
फ़िल्म क्या हैं ज़नाब.. परदे पर लिखी खूबसूरत शायरी हैं, मुकेश जी की दिलकश आवाज़
मै पल दो पल का शायर हूँ 🎵
उसके बाद याद आती हैं फ़िल्म ‘सिलसिला’…
खूबसूरत रेखा,अमिताभ जी और जया जी का लव ट्रेंगल, उस दौर में भी खूबसूरत फिल्मांकन नीदरलैंड के तुलिप फूलों के गार्डन में
देखा एक ख्याब तो ये सिलसिले हुए 🎵🎵
अमिताभ की आवाज़ में आप किसी और दुनियां में पहुँच जाते हैं,
नीला आसमा सो गया 🎵🎵
अपनी ही प्रेमिका की बेटी से अनोखे इश्क को बयां करती फ़िल्म ‘लम्हे’ या फिर उनकी सुपर डुपर हिटफ़िल्म ‘दिल वाले दुल्हनिया’ ले जाएंगे में काजोल और शाहरुख़…
याद करिये फ़िल्म ‘डर’, खूबसूरत जूही सनी पाजी और विकृत साइको केस से ग्रसित प्रेमी शाहरुख़..
प्रेम की बड़ी गहरी समझ थी उनको,उनकी दो ही फ़िल्में हैं को एकदम अलग हैं,त्रिशूल जिस में बाप से बिन ब्याही माँ के बेटे का प्रतिशोध हैं और दूसरी जिसे हिन्दी सिनेमा की एक यादगार फ़िल्म माना जाता हैं, पहले डायलॉग सुनाता हूँ
अमिताभ :क्या हैं तुम्हारे पास
शशि कपूर : भाई मेरे पास माँ हैं..
शायद नाम बताने की जरुरत नहीं, फ़िल्म ‘दिवार’,
पर उनकी अधिकांश फ़िल्में रोमांस को ही बयां करती हैं
आज भी डांस कॉम्पीटिशन में बच्चे उनकी फ़िल्म ‘दिल तो पागल हैं’ के गीत
घोड़े जैसी चाल हाथी जैसी दुम 🎵
पर डांस करते हैं
इतने दशकों तक, वे हमारे देश में फैशन का ट्रेंड चलाते रहें, उनकी हीरोइन या हीरो के पहने कपड़े उनकी स्टाइल, डिज़ाइन, मार्केट में अपने आप पॉपुलर हों जाते थे।
‘बड़ा बजट, बेहतरीन संगीत, एक अच्छी लव स्टोरी और खूबसूरत लोकेशन, प्रकृति का सौंदर्य..’
इन सब को मिलाने से कुछ बनता हैं
वो हैं यश चोपड़ा और उनकी फ़िल्में…
*संजय अनंत©*