केंद्रीय वित्त मंत्री ने 165वें आयकर दिवस के अवसर पर ‘मेरा टिकट (माई स्टैम्प)’ जारी किया
कर संग्रह में वृद्धि से संकेत मिलता है कि भारत एक अर्थव्यवस्था के रूप में अधिक औपचारिक हो रहा है: केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण
श्री चौधरी ने फेसलेस व्यवस्था, ई-सत्यापन और निर्बाध ई-फाइलिंग शुरू करके करदाताओं के लिए अनुपालन को आसान बनाने के संदर्भ में सीबीडीटी के प्रयासों की सराहना की
करदाता सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए वैश्विक तौर-तरीकों के अनुरूप प्रौद्योगिकी के उपयोग पर सीबीडीटी का ध्यान: राजस्व सचिव
पिछले कुछ वर्षों में, सीबीडीटी का ध्यान करदाता सेवाओं को बढ़ाने और अनुपालन को आसान बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने पर रहा है: सीबीडीटी अध्यक्ष
नई दिल्ली (mediasaheb.com)| केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) द्वारा आयोजित आयकर दिवस के 165वें वर्षगांठ समारोह की अध्यक्षता की। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री श्री पंकज चौधरी ने भी इस कार्यक्रम में उपस्थित थे। इस अवसर पर राजस्व सचिव श्री संजय मल्होत्रा, सीबीडीटी के अध्यक्ष श्री रवि अग्रवाल, सीबीडीटी के सदस्य तथा विभाग के अन्य अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे। इस समारोह में भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने 165वें आयकर दिवस के अवसर पर “मेरा टिकट (माई स्टैम्प)” भी जारी किया।
अपने मुख्य भाषण में श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आयकर विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की बहुमुखी प्रतिभा की सराहना की।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने अब तक का सर्वाधिक कर संग्रह करने तथा फेसलेस मूल्यांकन और अपील व्यवस्था की सफलता के लिए भी विभाग की सराहना की।
श्रीमती सीतारमण ने विभाग से निष्पक्ष और मैत्रीपूर्ण व्यवहार करने तथा करदाताओं के अनुभव को बेहतर बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि कर नोटिस संयमित, सरल और करदाताओं के लिए समझने में आसान होने चाहिए।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने अनुपालन सुनिश्चित करने, करदाताओं में भय पैदा न करने के लिए शक्ति के विवेकपूर्ण उपयोग को रेखांकित किया और स्वैच्छिक अनुपालन को प्रोत्साहित करने के लिए रिफंड के त्वरित निर्गमन और उचित प्रक्रिया का पालन करने पर जोर दिया। साथ ही, श्रीमती सीतारमण ने कर प्रशासन में, विशेष रूप से वैश्विक सर्वोत्तम तौर-तरीकों को अपनाने के संदर्भ में क्षमता निर्माण पर जोर दिया।
(स्त्रोत-पीआईबी)