नया रायपुर(mediasaheb.com) – कलिंगा विश्वविद्यालय मध्य भारत का एक प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान है। नवाचार एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) के द्वारा बी प्लस की मान्यता प्रदान की गयी है। यह छत्तीसगढ़ में एकमात्र निजी विश्वविद्यालय है, जो एनआईआरएफ रैंकिंग 2021 में उत्कृष्ट 151-200 विश्वविद्यालयों में सम्मिलित है। यहाँ पर वैश्विक मापदंड के अनुरूप उच्च गुणवत्तापूर्ण और बहु-विषयक अनुसंधान केंद्रित शिक्षा के साथ-साथ शिक्षकों और विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए कौशल विकास कार्यक्रमों के माध्यम से प्रशिक्षित किया जाता है। इसी उद्देश्य के अंतर्गत कलिंगा विश्वविद्यालय में 14 जून से 27 जून तक दो साप्ताहिक फैकल्टी डेव्हलपमेंट प्रोग्राम (एफडीपी) का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें विभिन्न विषयों के विद्वान वक्ता, शिक्षकों एवं शोधार्थियों को प्रशिक्षण दे रहे हैं।
इस दो साप्ताहिक एफडीपी के आठवें दिन एन आई टी, रायपुर के निर्देशक एवं प्राध्यापक डॉ. ए. एम. रवानी जी, मध्य सत्र में सहायक प्राध्यापक डॉ. धीमन साहा जी तथा अंतिम सत्र में जी. जी. यू. बिलासपुर के सहायक प्राध्यापक डॉ. संतोष सिंह ठाकुर जी को आमंत्रित किया गया था। कलिंगा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. आर. श्रीधर, रसायन विभाग की विभागाध्यक्ष- डॉ. शिल्पी श्रीवास्तव, कम्प्यूटर साइंस एवं आई. टी. विभाग के विभागाध्यक्ष कैलाश देवांगन और आमंत्रित अतिथियों के साथ माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलन के साथ आयोजन का शुभारंभ हुआ।
मुख्य वक्ताओं ने क्रमशः ‘‘उद्योग अभियांत्रिकी एवं प्रबंधन में नवाचार’’एवं ‘‘ब्लॉक चेन टेक्नोलॉजी तथा नैनो टेक्नोलॉजी’’के विषय पर बात की और प्रतिभागियों के साथ विस्तार से चर्चा की। कार्यक्रम के दूसरे सत्र में गुरु घासीदास विश्वविद्यालय के डॉ. संतोष सिंह ठाकुर ने नैनो टेक्नोलॉजी विषय पर सत्र को संबोधित किया। सत्र के अंत में संवाद कार्यक्रम था। जिसमें प्रतिभागियों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया प्रथम तथा मध्य सत्र का समापन कलिंगा विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ. सुनील कुमार जी की उपस्थिति में किया गया। जबकि डीन अभियांत्रिकी डॉ. व्ही. सी. झा ने सम्पूर्ण सत्र का समापन किया। कार्यक्रम का संचालन कपिल केलकर के द्वारा किया गया। धन्यवाद ज्ञापन और आभार प्रदर्शन डॉ. शिल्पी श्रीवास्तव के द्वारा किया गया। उक्त कार्यक्रम में डॉ. स्मिता प्रेमानंद, श्रीमती आभा साहू, सतपाल पनिका, ओमप्रकाश देवांगन आदि प्राध्यापक उपस्थित थे।