- भव्य रामकथा जो युगों से कई रूपों में कला में अभिव्यक्त होती आई, कई प्रदेशों में और कई देशों में कई रूपों में अभिव्यक्त हुई, उन सबको समाहित कर प्रस्तुत करने की अभिनव पहल है राष्ट्रीय रामायण महोत्सव
- शैल चित्रों में दिखती है रामायण प्रसंग की झलक, जनश्रुतियों में मिलता है उल्लेख
- धरमजयगढ के ओंगना पहाड़ियों में अंकित है श्री राम और दशानन के बीच युद्ध जैसा चित्र
- समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाने 1 से 3 जून तक रायगढ़ के रामलीला मैदान में आयोजित हो रहा राष्ट्रीय रामायण महोत्सव
रायपुर (mediasaheb.com)| मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल रायगढ़ में राष्ट्रीय रामायण महोत्सव का आयोजन करा रहे हैं इसके माध्यम से देश-विदेश में प्रचलित रामायण के विविध रूपों और भगवान श्रीराम के आदर्श की झलक महोत्सव के माध्यम से देखने मिलेगी। मुख्यमंत्री द्वारा की जा रही यह पहल उस विशिष्ट परंपरा को ऊंचाई देने की दिशा में सार्थक पहल है जिसकी सबसे पहले शुरूआत उन शैलचित्रों से हुई जो रायगढ़ के ओंगना में दिखते हैं। यहां लोकअनुश्रुति है कि ओंगना की पहाड़ियों में रामकथा का चित्रण है। यहाँ दस सिरों वाले एक व्यक्ति का युद्ध एक युवक से होता दिखाया गया है। लोक अनुश्रुति है कि दस सिर वाला व्यक्ति रावण है और उनसे युद्ध कर रहे व्यक्ति श्री राम। इस तरह रामकथा की कलात्मक प्रस्तुति का जो बीज ओंगना में शैल चित्रकारों ने रोपा, अब उसकी विशिष्ट कलात्मक प्रस्तुति रामायण महोत्सव के रूप में होगी।