रायपुर-(mediasaheb.com) | जेएसपी फाउंडेशन की चेयरपर्सन श्रीमती शालू जिन्दल को शिकागो में इंटरनेशनल वुमन ऑफ द ईयर अवार्ड से सम्मानित किया गया है। उन्हें यह सम्मान भारतीय दूतावास के सहयोग से डी ट्राइबल्स फाउंडेशन द्वारा आयोजित स्वदेशी मेला “इंडियन अमेरिकन ट्रेड फेयर” में प्रदान किया गया।
श्रीमती जिन्दल को ओडिशा, छत्तीसगढ़ और झारखंड समेत देश भर में एक करोड़ से अधिक लोगों के जीवन में गुणात्मक बदलाव लाने के लिए यह सम्मान प्रदान किया गया है। शिकागो में भारतीय दूतावास के महावाणिज्य दूत श्री सोमनाथ घोष इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे।
यह प्रतिष्ठित सम्मान प्राप्त करने के बाद श्रीमती जिन्दल ने आभार व्यक्त किया और भारत में लोगों के उत्थान और उनके जीवन में गुणवत्ता लाने के लिए निरंतर प्रयासरत रहने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा, “यह सम्मान प्राप्त कर मैं बहुत ही गर्वान्वित हूं। यह टीम जेएसपी फाउंडेशन के सामूहिक प्रयासों का प्रमाण है। हम अपने देश और दुनिया भर के वंचित एवं सामाजिक रूप से कमजोर लोगों के उत्थान और उनका भविष्य उज्ज्वल बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह सम्मान वंचितों के लिए निरंतर काम करने के हमारे संकल्प को मजबूत करता है।”
जेएसपी फाउंडेशन की चेयरपर्सन के रूप में श्रीमती जिन्दल छत्तीसगढ़, ओडिशा, झारखंड और भारत के अन्य क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा,
स्वास्थ्य, कौशल विकास, महिला सशक्तीकरण और सामाजिक उत्थान से जुड़े विभिन्न कार्यक्रमों में निरंतर सहयोग कर रही हैं।
उनके सामाजिक प्रयासों से लाखों लोगों के जीवन में खुशहाली आई है, जो बड़ी संख्या में लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया है।
लोगों का जीवन गुणवत्तापूर्ण बनाने के अलावा श्रीमती शालू जिन्दल ने कुचिपुड़ी नृत्य के विकास में अभूतपूर्व योगदान दिया है। वे
अंतरराष्ट्रीय स्तर की कुचिपुड़ी नृत्य विशेषज्ञ हैं और पूरी दुनिया में भारतीय नृत्य और संस्कृति के प्रचार-प्रसार में निरंतर योगदान कर रही
हैं। वे राष्ट्रीय बाल भवन की चेयरपर्सन रही हैं। यंग फिक्की की संस्थापक चेयरपर्सन के रूप में भी उनका कार्यकाल उल्लेखनीय है।
वर्तमान में वह छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में स्थित ओपी जिन्दल विश्वविद्यालय की कुलाधिपति हैं। उन्हें सीएसआर टाइम्स लाइफटाइम
अचीवमेंट अवार्ड, लंदन में गोल्डन पीकॉक अवार्ड, महात्मा अवार्ड और सिंगापुर में सीएमओ एशिया से एकलव्य पुरस्कार सहित कई
प्रतिष्ठित पुरस्कार मिले हैं।