लोकसभा पूर्व अध्यक्षा सुमित्रा महाजन : 14 वीं भारतीय छात्र संसद का उद्घाटन
यूपी विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना को आदर्श विधानसभा अध्यक्ष पुरस्कार से सम्मनित
पुणे (mediasaheb.com), देश में ऐसे बहूत कम राजनेता है जिन्होंने जीवन भर सादा जीवन शैली अपनाई हो. लोकसभा सभा की पूर्व अध्यक्षा सुमित्रा महाजन ने कहा कि जो जनप्रतिनिधि इस समझ के साथ काम करते हैं कि सत्ता अहंकार नहीं है, बल्कि यह लोगों के लिए काम करने और समस्याओं को सुलझाने का एक तरीका है, वे सफल होते है. यद्यपि राजनीति का रास्ता लाल कालीन की तरह प्रतीत होता है, लेकिन यह खतरों से भरा है. महाजन ने यह भी स्पष्ट किया कि जो जनप्रतिनिधि इस बारे में सोच समझकर कदम उठाएंगे, वे राजनीति में सहीं पदों पर पहुंचेंगे.
एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी, पुणे और एमआईटी स्कूल ऑफ गवर्नमेंट, पुणे द्वारा आयोजित 14वीं भारतीय छात्र संसद के उद्घाटन में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में बोल रही थी. अध्यक्षता एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष प्रो.डॉ. विश्वनाथ दा. कराड ने निभाई.
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना, राजस्थान विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष डॉ. सी.पी. जोशी, बोट कंपनी के सह संस्थापक एवं उद्यमी अमन गुप्ता, भारतीय छात्र संसद के संस्थापक एवं एमआईटी डब्ल्यूपीयू के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ.राहुल विश्वनाथ कराड, कुलपति डॉ. आर.एम.चिटणीस, छात्र प्रतिनिधि पृथ्वीराज शिंदे, अपूर्व भेगडे, नितिश तिवारी उपस्थित थी.
इस अवसर पर गणमान्य व्यक्तियों ने लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए प्रतिनिधि तरीके से लोकतंत्र की बेल बजाई गई. समारोह में पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सतीश महाना को आदर्श विधानसभा अध्यक्ष पुरस्कार से सम्मानित किया गया. सुमित्रा महाजन ने कहा, हम जीवन में कभी भी परिपूर्ण नहीं होते. इसलिए हमें विद्यार्थी बने रहना चाहिए और नवीन चीजें को बारे में सीखना चाहिए. देश के नागरिकों को खुश रखने के लिए लक्ष्य और नीतियां निर्धारित करने की जरूरत हैं. इसके लिए युवा पीढ़ी को पहल करनी होगी. देश के नागरिक बुद्धिमान है और कई अच्छी बुरी बातें समझते हैं. राजनीति में सतीश महाना जैसे अच्छे लोगों को पहचान देना और उन्हें सम्मानित करना बहुत अच्छी बात है.
सतीश महाना ने कहा, भारतीय छात्र संसद में सुमित्रा महाजन द्वारा सम्मानित होने मेरे लिए बड़े सम्मान की बात हैं. चुनाव के दिन नागरिकों को यह सोचना चाहिए कि वे अपने प्रतिनिधियों का चुनाव क्यों कर रहे हैं. यदि विधायकगण चुनाव परिणाम के बाद इस बात पर विचार करें कि जनता ने उन्हें क्यों चुना, तो आदर्श जनप्रतिनिधि बनाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. अच्छे प्रतिनिधियों का चुनाव करना देश के प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक विकसित भारत के सपने को साकार करने की जिम्मेदारी छात्र संसद में उपस्थित युवा प्रतिनिधियों पर है. इसलिए यदि विद्यार्थी सकारात्मक भाव से कार्य करेंगे तो हमारा देश निश्चित रूप से विकसित भारत बनेगा. डॉ. सी.पी. जोशी ने कहा, अच्छे लोगों का चुनाव और सम्मान करना समझ के लिए प्रेरणादायी है. एक ही विधानसभा क्षेत्र से सात बार निर्वाचित होना बहुत कठिन मामला है. देश के लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए शुरू की गई भारतीय छात्र संसद आज युवा पीढ़ी को देश भर के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करने का अवसर दे रही है. इसका उपयोग बेहतर समाज के निर्माण और देश की प्रगति के लिए किया जा रहा है.
प्रो.डॉ. विश्वनाथ दा. कराड ने कहा, दुनिया में बहुत तनाव और अशांति है, इस समय दुनिया के देशों का ध्यान हमारे भारत पर केंद्रित है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसके लिए काम रहे हैं. नागरिकों के तौर पर हमें भी पहल करनी होगी और इस पर काम करना होगा. भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए हमें जाति और पंथ से ऊपर उठकर काम करना होगा. हमें विश्व को शांति का मार्ग दिखाने के लिए आध्यात्मिकता और मूल्य आधारित शिक्षा को मिलाकर आगे बढना होगा.
डॉ. राहुल कराड ने कहा कि इस संसद के माध्यम से लोकतंत्र मजबूत हो रहा है और समाज में सुशासन स्थापित करने में यह लाभदायक हो रहा है. राजनीति उतनी आसान नहीं है जितनी दिखती है. राजनेताओं को इसमें बहुत मेहनत करनी पडती है. छात्र संसद की शुरूआत उच्च शिक्षित युवा प्रतिनिधियों को राजनीति में लाने के उद्देश्य से की गई थी. प्रत्येक राज्य सरकार को युवा छात्र संसद शुरू करनी चाहिए. इससे देश में भेदभाव को खत्म करने, सामाजिक समस्याओं को हल करने और हमारे देश की प्रगति में मदद मिलेगी. डॉ. आर.एम.चिटणीस ने स्वागत पर भाषण दिया. कार्यक्रम का सूत्रसंचालन डॉ. गौतम बापट ने किया.