पीएम केयर्स फंड ही सीएसआर का हिस्सा, सीएम रिलीफ फंड नहीं
नई दिल्ली, ( mediasaheb.com) । कोरोना वायरस की महामारी और 21 दिनों के देशव्यापी लॉकडाउन में भारत सरकार की ओर से की गई मदद की अपील पर आम आदमी से लेकर कॉरपोरेट जगत सामने आए और दिल खोलकर सरकार की मदद भी कर रहे हैं। कॉरपोरेट सेक्टर को राहत देते वित्त मंत्रालय ने इस दान को कॉरपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी में शामिल किए जाने का ऐलान किया हुआ है।
लेकिन, वित्त मंत्रालय के इस ऐलान को लेकर कोरोना वायरस के खिलाफ जारी जंग में दान देने वालों के मन में कई तरह के सवाल थे। क्या पीएम केयर्स फंड में दान को सीएसआर माना जाएगा या किसी अन्य दान अथवा राज्य सरकारों के राहत कोष में दान को भी सीएसआर माना जाएगा। इन तमाम सवालों को ध्यान में रखते हुए वित्त राज्यमंत्री अनुराग सिंह ठाकुर के कार्यालय ने सीएसआर की पूरी लिस्ट की जानकारी शनिवार को ट्वीट करके दी है। इस लिस्ट में यह साफ किया गया है कि कोविड-19 के तहत सीएसआर में क्या शामिल है और किसको नहीं शामिल किया गया है : –
-पीएम केयर्स फंड में दान को ही कॉरपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी माना जाएगा।
-किसी राज्य के मुख्यमंत्री रिलीफ फंड में दान को सीएसआर का हिस्सा नहीं माना जाएगा।
-कोरोना के खिलाफ स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी में किसी तरह के दान को सीएसआर का हिस्सा माना जाएगा।
-कोविड-19 से जुड़े हुए किसी तरह की ऐक्टिविटी में खर्च को सीएसआर का हिस्सा माना जाएगा। इसमें हेल्थ केयर को प्रोमोट करना और सैनिटाइजेशन प्रोग्राम प्रमुख हैं।
-लॉकडाउन की वजह से जो वर्कर्स, दिहाड़ी मजदूर और अन्य स्टॉफ काम नहीं कर रहे हैं, उन्हें दिया जाने वाला वेतन सीएसआर का हिस्सा नहीं होगा। यह इंप्लॉयर की नैतिक जिम्मेदारी है।
-अगर कोई कंपनी अस्थायी और दिहाड़ी श्रमिक को मजदूरी के अलावा अलग से कोविड-19 को लेकर अनुग्रह राशि देती है, तब तो ये सीएसआर का हिस्सा माना जाएगा।
उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्रालय ने कोरोना के खिलाफ जंग में दान को सीएसआर में शामिल करने का ऐलान किया है। सभी कॉर्पोरेट को नेट प्रॉफिट का कुछ हिस्सा सामाजिक कार्यों पर खर्च करना होता है, जिसे सीएसआर कहते हैं। (हि.स.)