अंबिकापुर (mediasaheb.com)| अदाणी फाउंडेशन द्वारा राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड के सहयोग से अपने सामाजिक दायित्व निर्वहन के अंतर्गत किसानों के लिए धान के बीज वितरण कार्यक्रम की शुरुआत की है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले धान के बीज प्रदान करके फसल की उन्नत उत्पादकता और कृषि पैदावार को सुनिश्चित करना है। इस मौके पर सिस्टम ऑफ राइस इंटेंसिफिकेशन (एसआरआई) प्रणाली के अंतर्गत उन्नत किस्म के बीजों का वितरण सीएसआर टीम के सदस्यों द्वारा स्थानीय किसानों के बीच किया गया। चावल गहनता प्रणाली (एसआरआई) एक एकीकृत दृष्टिकोण है जो छोटे जोत वाले किसानों की क्षेत्रीय उत्पादन प्रणाली के लिए उपयुक्त होता है।
इस योजना के तहत बीज का वितरण पीईकेबी खदान के परिधीय गांवों जैसे: घाटबर्रा, फतेहपुर, परसा, बासेन, साल्ही, जनार्दनपुर, तारा, शिवनगर, सैदू सुस्काम और परोग्या में किया गया। इस कार्यक्रम में 210 से अधिक किसानों को उन्नत किस्म के बीज दिए गए हैं जिससे ये किसान 100 एकड़ भूमि पर श्री प्रणाली के तहत खेती कर सकेंगे। किसानों को धान के उच्च गुणवत्ता वाले बीज प्रदान करने से धान के उत्पादन में वृद्धि हुई है और कृषि उत्पादकता को सुधारा गया है। नियमित देखरेख और मूल्यांकन के जरिये भविष्य में बीज वितरण में और भी सुधार करने के लिए अन्य क्षेत्रों की पहचान की जाएगी, जिससे ज्यादा से ज्यादा किसानों को अधिक पैदावार से खेती का लाभ मिलेगा और कृषि को बढ़ावा मिलेगा।
भारतीय किसानों ने उन्नत किस्मों का चुनाव, खाद एवं उर्वरकों का प्रयोग तथा पौध संरक्षण उपायों को अपनाकर धान की उपज बढ़ाने में सफलता हासिल की है। बढ़ती जनसंख्या और घटते संसाधन को देखते हुए वर्तमान समय में संकर किस्मों को अपनाते हुए नई तकनीक से खेती कर प्रति इकाई उत्पादन बढ़ाने के अलावा हमारे पास उपज बढ़ाने के और कोई विकल्प शेष नहीं है। उपलब्ध संसाधनों के बेहतर प्रबंधन से, जिसमें उर्वरक तथा जल उपयोग क्षमता बढ़ाना शामिल है, धान की उत्पादन लागत भी कम की जा सकती है।
आरआरवीयूएनएल द्वारा क्षेत्र के 14 से अधिक ग्रामों में उत्कृष्ठ शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका उन्नयन एवं अधोसंरचना विकास के विभिन्न कार्यक्रम संचालित करता है। जिसमें आजीविका उन्नयन के तहत मब्स में 60 से अधिक ग्रामीण महिलाओं को रोजगार प्राप्त है। ग्रामीण महिलाओं की इस समिति द्वारा क्षेत्र में विभिन्न उत्पादों जैसे सैनेटरी पैड्स का निर्माण, शुद्ध पेयजल का वितरण, दूध डेयरी, मसाला प्रोसेसिंग इकाई इत्यादि का संचालन किया जा रहा है।