केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के विचारः फ्यूल का पहला दीक्षांत समारोह संपन्न
पुणे, (mediasaheb.com) | देश की सबसे बडी समस्या रोजगार सृजन है. ऐसे समय में फ्यूल के माध्यम से छात्रों को कुशल शिक्षा प्रदान करना एक अनूठा कार्य है और फ्यूल इसे सफलतापूर्वक कर रहा है. इससे भारत युवाओं के जीवन में काफी बदलाव लाकर आत्मनिर्भर की ओर ऊँची उड़ान भर रहा है. ऐसे विचार केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने व्यक्त किए.
कौशल विकास और रोजगारपरकता के लिए कार्यरत फ्यूल शिक्षण संस्थानों के समूह, फ्यूल बिजनेस स्कूल के पहले दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि के रुप में बोल रहे थे. साथ ही भूगांव स्थित संस्थान में एक विजन, एक मिशन और कुशल राष्ट्र के सिध्दांतों पर आधारित फ्यूल की १९वीं वर्षगांठ उत्साह पूर्वक मनाई गई. इस वर्ष २०० छात्रों को सीएसआर छात्रवृत्ति और उपाधियां प्रदान की गई.
इस अवसर पर डॉ. केतन देशपांडे, मुख्य संरक्षक संतोष हर्लेकोप्पी, फ्यूल की सीओओ मयूरी देशपांडे, संगठन की रणनीति और भागीदारी के उपाध्यक्ष सर्वेश कुबेरकर, संचालक और प्रबंधक के उपाध्यक्ष बाजीप्रभु देशपांडे और मुख्य प्रशासक कर्नल किरण कानडे उपस्थित थे.
फ्यूल बिजनेस स्कूल में पीजीडीएम कोर्स का उद्घाटन नितिन गडकरी ने किया.
फ्यूल और कैपजेमिनी के बीच एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए गए. डॉ. केतन देशपांडे के शिक्षा के क्षेत्र में किए गए अनूठे कार्य को देखते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने उन्हें विशेष रुप से सम्मानित किया. साथ ही सीएसआर में काम करने वाले व्यक्तियों को डॉ. ए.पी.जे. अब्दूल कलाम लीडरशिप अवार्ड प्रदान किया गया. इनमें सुदीप्त पॉल, वामशी मुथापु, सुमित शहा, रेखा पिल्ले, रिया वैद्य,धनश्री पेज, बीना बलदोटा, शिल्पाश्री, अपर्णा पांडे शामिल हैं.
नितिन गडकरी ने कहा, जल, जमीन और जंगल का विकास जरूरी है. जिस तरह शहर स्मार्ट बन रहे है, उसी तरह आनेवाले समय में हमारे गाँवो को भी स्मार्ट बनाना होगा. कुशल शिक्षा रोजगार सृजन में काफी हद तक योगदान देती है. विदेशों में फार्मासिस्ट और नर्सिंग स्टाफ की भारी जरूरत है, लेकिन कुशल व्यक्तियों की कमी है. सीएसआर के जरिए छात्र भविष्य के लिए सशक्त बन रहे है. सहयोग, समन्वय और संचार के जरिए कौशल आधारित स्टार्टअप संस्कृति उभर रही है. रोजगार सृजन तकनीक, शोध और ज्ञान के तीन स्तंभों का उपयोग करके ही संभव है. फ्यूल एक ऐसा संगठन है जो उद्योग जगत के लिए जरूरी कुशल मानव संसाधन तैयार कर रहा हैं.
डॉ. केतन देशपांडे ने कहा, सामाजिक उद्यमिता आंदोलन को आगे बढाते समय कई चुनौतियों का सामना करना पडता है. आज ७८ कॉर्पोरेट कंपनियों के सहयोग से एक नया शिक्षा मॉडल सबके सामने है. समय के साथ एक वर्टिकल यूनिवर्सिटी की जरूरत स्पष्ट हो गई है.
इस कार्यक्रम में स्नातक, स्नातकोत्तर और सीएसआर समर्थित सर्टिफिकेट प्रोग्राम के छात्रों को डिग्री और सर्टिफिकेट प्रदान किए गए. इसमें देश के प्रमुख कॉर्पोरेट प्रतिनिधियों के साथ सीएसआर और मानव संसाधन पर एक पैनल चर्चा भी शामिल थी. कार्यक्रम का संचालन मानसी ने किया. मुख्य संरक्षक संतोष हर्लेकोप्पी ने सभी का आभार माना.