रायपुर (mediasaheb.com)| कैट एवं छ.ग. शासन अग्निशमन विभाग के संयुक्त तत्वाधान में अग्नि सुरक्षा एवं रोकथाम कार्यशाला में व्यापारियों आगजनी से बचने उपाय से अवगत हुए देश के सबसे बड़े व्यापारिक संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री अमर पारवानी एवं प्रदेश अध्यक्ष श्री जितेन्द्र दोशी ने बताया कि कैट एवं छ.ग. शासन अग्निशमन विभाग के संयुक्त तत्वाधान में ‘‘मेरा व्यापार सुरक्षित – मेरा बाजार सुरक्षित‘‘ को लेकर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन चेम्बर भवन, बाम्बे मार्केट में किया गया । जिसमें छ.ग. शासन अग्निशमन विभाग के निर्देशक श्री अजातशत्रु बहादुर सिंह, (भा.पु.से.) मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे । श्रीमती अनिमा एस. कुजूर, संभागीय सेनानी रायपुर एवं श्री पुष्पराज सिंह, जिला सेनानी एवं जिला अग्निशमन अधिकारी रायपुर तथा श्री सरवर गुलाम मोहम्मद, वरिष्ठ अग्निशमन तकनीकी अधिकारी रायपुर एवं अग्निशमन/ एसडीआरफ की संयुक्त टीम द्वारा कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) एवं व्यापारिक संगठनों के पदाधिकारीगण एवं लगभग 200 व्यापारी उपस्थित रहे। जिनकों प्रारंभिक अग्निदुर्घटना से बचाव/सुरक्षा के संबंध में संगोष्ठि के माध्यम से जागरूक करने के साथ ही मॉक ड्रील के माध्यम से प्रशिक्षण दिया गया।
कैट के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, एवं कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल ने बताया कि कैट एवं छ.ग. शासन अग्निशमन विभाग के संयुक्त तत्वाधान में ‘‘मेरा व्यापार सुरक्षित – मेरा बाजार सुरक्षित‘‘ को लेकर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन चेम्बर भवन, बाम्बे मार्केट में किया गया।
श्री अजातशत्रु बहादुर सिंह, (भा.पु.से.) छ.ग. शासन अग्निशमन विभाग के निर्देशक ने बताया कि शहरी क्षेत्रों में हर साल आग लगने की घटनाओं की बढ़ती संख्या के साथ, भारत में अग्नि सुरक्षा एक बड़ी चिंता का कारण बन गई है। लगातार हो रही आग लगने की बड़ी घटनाएं, भारत की निर्माण श्रृंखला के लिए एक गंभीर खतरा बनती जा रही है। शहरों में हर साल आग लगने की कई घटनाएं होती है, जिनमें कई लोगों की मौत हो जाती है और कई लोग घायल हो जाते हैं। लेकिन इतना ही नहीं, आग लगने की इन घटनाओं से बड़ी मात्रा में संपत्ति जलकर नष्ट हो जाती है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को भी भारी नुकसान उठाना पड़ता है। देश में जैविक, रासायनिक जैसे अन्य कई खतरों के साथ-साथ अग्नि संबंधित दुर्घटनाओं से होने वाले नुकसान के बारे में भी बुनियादी तथ्यों की जानकारी होना बेहद आवश्यक है। भारत में बढ़ते शहरीकरण के साथ अग्नि सुरक्षा एक बेहद महत्वपूर्ण विषय है।
श्रीमती अनिमा एस. कुजूर, संभागीय सेनानी रायपुर ने बताया कि आग लगने की घटनाओं में भारत तीसरे स्थान पर है। ये घटनाएं विशेष रूप से भारत के उत्तरी और पश्चिमी क्षेत्रों में होती हैं। एनसीआरबी के डेटा के मुताबिक देश के दो सबसे शहरीकृत राज्य महाराष्ट्र और गुजरात में देश की आग दुर्घटना में होने वाली मौतों का लगभग 30 प्रतिशत हिस्सा हैं। इंडिया रिस्क सर्वे 2018 के अनुसार, लगातार आग लगने की घटनाओं से व्यापार की निरंतरता और संचालन पर विपरित प्रभाव पड़ता है। पिछली घटनाओं के अध्ययन करने पर पता चलता है कि आग लगने की अधिकांश दुर्घटनाएं तीन प्रमुख कारणों से होती हैं। बिजली का शार्ट सर्किट या गैस सिलेंडर/स्टोव फटना मानव की लापरवाही गलत तरीके से बनाई गई आदतें है।
कैट के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री अमर पारवानी एवं प्रदेश अध्यक्ष श्री जितेन्द्र दोशी ने बताया कि ने बताया अग्निशमन/ एसडीआरफ की संयुक्त टीम द्वारा कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) एवं व्यापारिक संगठनों के पदाधिकारीगणो को प्रारंभिक अग्निदुर्घटना से बचाव/सुरक्षा के संबंध में संगोष्ठि के माध्यम से जागरूक करने के साथ ही मॉक ड्रील के माध्यम से प्रशिक्षण दिया गया। उन्होनें आगे कहा कि आग की रोकथाम हेतु अपने दुकान एवं गोदामो में आग बुझाने वाली मशीन, निकास मार्ग और निकटतम आग के स्थान का पता करें, आग बुझाने वाली मशीन और इसके संचालन के प्रकार के बारे जानकारी रखें, आग बुझाने व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण और सुरक्षा उपकरणों का उपयोग यानी आग नियत्रंण कक्ष के महत्वपूर्ण टेलीफोन नम्बर याद रखे, आग बुझाने के लिए आग सुरक्षा उपकरणों के आकस्मिक उपयोग के बारें में अग्निशमन विभाग को सूचित करे।
उपरोक्त कार्यशाला में कैट एवं युवा कैट, चेम्बर के पदाधिकारी सहित व्यापारी संगठन के पदाधिकारी एवं व्यापारीगण उपस्थित रहे : – अमर पारवानी, मगेलाल मालू, जितेन्द्र दोशी, विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, सुरिन्द्रर सिंह, भरत जैन, अजय अग्रवाल, राजेन्द्र जग्गी, अवनीत सिंह, विजय पटेल, राकेश ओचवानी, सुनील धुप्पड़, पवन वाधवा, कन्हैया गुप्ता, जय नानवानी, सूरज उपाध्याय, महेश जेठानी, प्रीतपाल सिंह बग्गा, महेश खिलोसिया, जयराम कुकरेजा, नाथूलाल धनवानी, जनक वाधवानी, राकेश अग्रवाल, कान्ति पटेल, विजय जैन, पुष्कर अग्रवाल, नीरज गुप्ता, सुनील कुमार दौलतानी, सतीश श्रीवास्तव, मोहन वर्ल्यानी, नागेन्द्र तिवारी, दीपक विधानी, विक्रांत राठौर, परविन्द्रर सिंह, सुरेश वासवानी, संदीप गुप्ता, सोपान अग्रवाल, रतन सिंह, समीर वेन्शीयानी, भरत गुप्ता, भास्कर साहू, बी. एस. परिहार, सुशील लालवानी, राकेश् लालवानी, अमित गुप्ता, मनीष सोनी, लोकेश साहू, श्रीनिवास रेडडी, प्रीतपाल सिंह छाबडा, मनीष सेजवानी, परमानन्द जैन, रूपेश पटेल, विजय शादीजा, प्रकाश माखीजा, अशोक छाबडा, दिनेश साहू, जुगनु, नरेन्द्रर सिंह, नारायण सेन, रविकान्त तिवारी, आदि।