कवर्धा( mediasaheb.com) यूनिसेफ छत्तीसगढ़ के विहेवियर चेंच प्रमुख अभिषेक सिंह ने कहाँ कि हमारे व्यवहार में छोटे-छोटे परिवर्तन समाज में अमूल चूक परिवर्तन कर सकते है उन्होंने यह बात छत्तीसगढ़ एगिकान द्वारा कवीर वालंटियर के एक दिवसीय सह-अस्तित्व के प्रशिक्षण कार्यक्रम में कही | उन्होंने आगे बताया कि जलवायु परिवर्तन लगातार देखने को मिल रहा है जिसकों मानव के द्वारा लगातार जंगलों की कटाई करना, प्लास्टिक का उपयोग एवं अन्य कार्यों के कारण जलवायु में बहुत बड़ा परिवर्तन आया है। यह हमारे लिए हानिकारक है क्या हम एक स्वयसेवी के रूप में इस विषय पर चर्चा कर कार्य कर सकते है और इसकी शुरुआत हम खुद से ही करेंगे।
उन्होंने ने आगे बताया कि हम युवा है और हमे अपने समय को पॉस्टिव तरीके से इस्तेमाल करना चाहिए | कवीर एक अच्छा प्लेटफार्म है अपने आप को अपग्रेड करने के लिए जैसे अगर कोई काम आप अकेले करते है तो आपको शायद लोग ना समझे ना सुने लेकिन जब आप कोई काम को लोगो के समूह के साथ मिलकर करते है तो आपकी बातों को लोग ध्यान से सुनते है समझते है। हो सकता है जब आप लोगो के पास पहली बार जाए तो वो आप पर हसे लेकिन उसके बाद भी जब आप अपना कार्य करते है तो वो धीरे धीरे आपको समझने लगते है अपने जुड़ने लगते है । हमे अपने ग्रामसभा की बैठक में जाना चाहिए और वहा अपने गांव के विकास के लिए हो रही चर्चाओं में अपना मत रखना चाहिए हमे यह समझना की किन चीजों पर पहले कार्य करने की आवश्यकता है |
महिला एवं बाल पोषण की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा की एक किशोरी बालिका को अपने भोजन में सभी पोषण की चीजे लेनी चाहिए वो जब स्वास्थ्य होंगी तभी वह भविष्य में एक पोषित बच्चे को जन्म देंगी एक गर्भवती महिला के भोजन में सभी प्रकार के विटामिन, प्रोटीन का समावेश होना चहिए । एक गर्भवती महिला को प्रसवपूर्व कम से कम चार बार अपना जांच स्वास्थ्य केंद्र में करवाना चाहिए गर्भावस्था के दौरान महिलाओं का वजन लगभग 10-11किलो तक बढ़ाना चाहिए तभी वह एक स्वस्थ बच्चे को जन्म देती है । एक छोटे बच्चे के विकास के लिए प्रारंभिक 1000 दिन बहुत ही महत्वपूर्ण होते है | एक स्वस्थ जन्मे बच्चे का वजन लगभग तीन किलो के आसपास होना चाहिए अगले छह महीने में उसका वजन छह किलो एवं नौ महीने में नौ किलो के आस पास होना चाहिए अगले दूसरे वर्ष में बच्चे का वजन बारह किलो तक होना चाहिए यह एक स्वस्थ बच्चा होने की पहचान है। उन्होंने ने एक महत्वपूर्ण बात बताई की बच्चे के जन्म होने के एक-दो घंटे में बच्चे को मां का दूध पिलाने से उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है और यही बच्चे का पहला टीका होता है । बच्चों को समय समय पर टीकाकरण करवाना चाहिए बच्चे के जन्म के दौरान मां में बहुत रक्त ज्यादा रक्त बहाव के कारण मृत्यु की भी संभावना होती है इसीलिए महिलाओं की डिलीवरी नजदीक के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में करवाना आवश्यक है। कवीर स्वयंसेवी के रूप में हम अपने गांवों में महिला, बच्चो के पोषण उनके टीकाकरण को लेकर उनको जागरूक कर सकते है गांव के मितानिन से मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी उनको दे सकते है
मानस बनर्जी छत्तीसगढ़ एग्रिकान समिति के सचिव ने बताया गया कि एक स्वयंसेवी में निम्न कैरेक्टर का होना आवश्यक होता है l लोगो को साथ लाने एवं जोड़ने का प्रयास, लोगो में भरोसा बनाना,उनकी समस्याओं को ध्यान से सुनना उसके पश्चात उस पर चर्चा करना तथा उसके समाधान के लिए सही अप्रोच लगाना ।
इस प्रशिक्षण में उन्होंने बताया कि कवीर वॉलंटियर के रूप में हम किस प्रकार लोगो से मिले बात चीत करे इस विषय पर चर्चा करते हुए कहा की हमे लोगो की जरूरत और इच्छा को समझाना होगा की कौन सी चीज उनके लिए पहले ज्यादा महत्वपूर्ण है या ज्यादा जरूरी | उस कार्य पर पहले फोकस करे । चर्चा में सभी लोगो को बराबरी का मान दे सब एक दूसरे की बातों को ध्यान से सुने । अगर किसी विषय की चर्चा करते हुए लोग भावनात्मक हो रहे है तो उनकी भावनाओ को समझे । अपने प्रश्न पूछने का तरीका ऐसे रखे की आप सामने वाले को समस्याओं तक पहुंच सके । यह जाने की किस जगह पर लोगो की मदद करना है और किस जगह पर लोगो को सक्षम बनाना है यह जानना हमारे लिए आवश्यक है।
जागृति गर्ग राज्य समन्यवक वालंटियर कार्यक्रम ने संवाद के बारे में बताते हुए कहा कि इस प्रक्रिया में हम अपने विचारो को आइडियाज को व्यक्त करते है एक अच्छे संवाद के लिए यह आवश्यक है की आपके द्वारा कही गई बातों का उसी रूप में बिना किसी बांधा के लोगो तक पहुंचना आवश्यक है। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ अग्रिकान समिति से लैंडस्केप रेस्टोरेशन कार्यक्रम समन्यवक मनीषा मोटवानी, कवर्धा टीम से भूमिका सूर्यवंशी, कविता लांझी, आस्था केसरवानी, सुरेन्द्र सोनकर, और जिलेभर के कवीर वालंटियर उपस्थित रहे | कार्यक्रम का संचालन दीपक बागरी जिला समन्यवक ने किया |