रायपुर (mediasaheb.com)| शासकीय दूधाघारी बजरंग स्नात्कोत्तर कन्या महाविद्यालय रायपुर के समाजशास्त्र विभाग एवं छत्तीसगढ़ समाजशास्त्रीय एसोसिएशन द्वारा संयुक्त रूप से दो दिवसीय राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी का आयोजन 22 और 23 अक्टूबर को किया जा रहा है। इस संगोष्ठी का विषय वैश्वीकरण एवं भारतीय समाज-परिवार का बदलता परिदृश्य एवं उभऱती चुनैतियाँ है। इस विषय पर राष्ट्रीय स्तर पर देश के विभिन्न राज्यों के प्राध्यापकों और शोधार्थियों द्वारा शोध पत्रों का वाचन किया जाएगा।
यह जानकारी कार्यक्रम समन्वयक एवं छत्तीसगढ़ समाजशास्त्रीय एसोसिएशन की अध्यक्ष डॉ. प्रीति शर्मा, सह-समन्वयक डॉ. मनीषा महापात्रा एवं आयोजन सचिव डॉ. प्रमिला नागवंशी ने दी। उन्होंने बताया कि इस सेमीनार के मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ सरकार के उच्च शिक्षा सचिव श्री प्रसन्ना आर (आईएएस) होंगे। मुख्य वक्ता बीएचयू (यूपी) के सेवानिवृत्त प्राध्यापक डॉ. अरविंद जोशी होंगे। अतिथि वक्ता शासकीय द्रोणाचार्य महाविद्यालय, गुरुग्राम (हरियाणा) के समाजशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष एवं प्राध्यापक डॉ. भूप सिंह, शासकीय टी.आर.एस. महाविद्यालय रीवा (मध्यप्रदेश) के समाजशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष एवं प्राध्यापक डॉ. महेश शुक्ला होंगे। यह आयोजन शासकीय दूधाघारी बजरंग स्नात्कोत्तर कन्या महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. किरण गजपाल के संरक्षण में आयोजित किया जा रहा है। आयोजन समन्वयक डॉ. प्रीति शर्मा ने बताया कि मानव समाज के इतिहास में परिवार सबसे महत्वपूर्ण व आधारभूत सामाजिक समूह है। प्राचीनकाल से लेकर वर्तमान तक परिवार समाज की संरचनात्मकक इकाइयों में केंद्र बिंदु रहा है। वैश्वीकरण के दौर में भारतीय समाज में केवल सामाजिक संरचना में कुछ बदलाव आया है, अपितु भौतिकवादी एवं व्यक्तिवादी विचारधारा के कारण समाज के मूल्यों प्रतिमानों में भी निरंतर विघटन हो रहा है। भारतीय परिवार में कार्य संबंधों, स्थायीत्व अंतर्पीढ़ी संघर्ष, पारिवारिक अलगाव एवं अंतराल, वैवाहिक संबंधों के उभरते नए प्रतिमान, लिव इन रिलेशनशिप जैसी अनेक समस्याएं निरंतर बढ़ रही है। निश्चित इस संगोष्ठी के माध्यम से एसे निष्कर्ष निकलेंगे जिससे वर्तमान में नगरीकरण और वैश्वीकरण के परिणामस्वरूप पारिवारिक संरचना एवं कार्यों के साथ पारिवारिक संबंधों में हो रहे परिवर्तन एवं अन्य नकारात्मक प्रभावों पर समाज की भूमिका को रेखांकित किया जा सकेगा।