जयपुर ( mediasaheb.com)| इंडियन जर्नलिस्ट्स यूनियन (IJU) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक 4-5 अक्टूबर को जयपुर (राजस्थान) में सम्पन्न हुई। बैठक में देशभर के 60 से अधिक वरिष्ठ पत्रकारों ने भागीदारी की। प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक व डिजिटल मीडिया के विभिन्न राज्यों के नेतृत्वकारी पत्रकारों ने मीडिया जगत के समक्ष वर्तमान में उपस्थित चुनौतियों पर चर्चा की।
शुभारंभ समारोह में राजस्थान के डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। कार्यक्रम में नगरीय विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा और वित्त आयोग अध्यक्ष तथा पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ. अरुण चतुर्वेदी विशेष रूप से शामिल हुए। कार्यक्रम में IJU के राष्ट्रीय अध्यक्ष के. श्रीनिवास रेड्डी, पूर्व अध्यक्ष एस एन सिन्हा, सेकेट्री जनरल बलविंदर सिंह जम्मू , आंध्रप्रदेश के मीडिया काउंसिल चेयरमेन के. सुरेश विशेष रूप से मौजूद रहे।
छत्तीसगढ़ से IJU से संबद्ध स्टेट वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष पीसी रथ और नेशनल एक्जीक्यूटिव काउंसिल मेंबर दिलीप साहू शामिल हुए।
राजस्थान पत्रकार परिषद की मेजबानी में हुई इस मीटिंग में पत्रकारों की समस्याओं, पेंशन, पीएफ, स्वास्थ्य बीमा, वेज बोर्ड के वेतन, रेल एवं बस यात्रा में रियायत, पत्रकार सुरक्षा कानून समेत विभिन्न मुद्दों पर गंभीर मंथन हुआ।
चुनाव और नई कार्यकारिणी की घोषणा
IJU केंद्रीय चुनाव अधिकारी महेश सिन्हा द्वारा निर्वाचन प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा की गई।
राष्ट्रीय अध्यक्ष – बलविंदर सिंह जम्मू
राष्ट्रीय महासचिव – डी. सोम सुंदर
इसके साथ ही विभिन्न राज्यों से राष्ट्रीय कार्यकारिणी परिषद के सदस्यों के नाम भी घोषित किए गए।
बैठक में 3 प्रस्ताव पारित
1. पत्रकारों पर झूठे प्रकरणों का विरोध — विभिन्न राज्यों में निष्पक्ष पत्रकारिता करने वाले पत्रकारों के विरुद्ध फर्जी मामले दर्ज करने की बढ़ती प्रवृत्ति की निंदा की गई और इसे तत्काल रोके जाने की मांग की गई।
2. रेल यात्रा रियायत बहाल करने की मांग — कोरोना काल के दौरान बंद की गई रेल यात्रा रियायत को पुनः शुरू करने की मांग की गई, जिससे समाचार संकलन कार्य में पत्रकारों को राहत मिल सके।
3. IJU की मासिक पत्रिका स्क्राइब न्यूज के संपादक के. सुरेश के द्वारा मीडिया काउंसिल आंध्रप्रदेश के अध्यक्ष बन जाने के कारण अब उनके स्थान पर नए संपादक के रूप में राहुल देवलापल्ली को नियुक्त किए जाने का प्रस्ताव पारित किया गया।
छत्तीसगढ़ की रिपोर्ट रखते हुए दिलीप साहू ने कहा, छत्तीसगढ़ में पत्रकारों के बहुत से संगठन होने तथा एकजुटता के अभाव के कारण अन्य राज्यों में पत्रकारों को जो लाभ मिल रहे हैं, वह नहीं मिल पा रहा है। फिर भी संगठनों के दबाव से सरकार ने सम्मान निधि की राशि बढ़ाकर 20 हजार रुपए प्रतिमाह कर दिया है।
राज्य स्तर पर यूनियन की गतिविधियाँ निरंतर जारी हैं, जिसमें
23 मार्च 2025 को यूनियन के “पत्रकारिता बचाओ – लोकतंत्र बचाओ” के आह्वान पर प्रदेश के सात स्थानों पर शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु की जयंती पर कार्यक्रम आयोजित किए गए।
मणिपुर में पत्रकारों की प्रताड़ना और फिलिस्तीन के गाजा में इजराइल द्वारा पत्रकारों की टारगेटेड निर्मम हत्या के विरोध में राजधानी रायपुर में विरोध प्रदर्शन कर पत्रकारों के प्रति एकजुटता दिखाई गई। 1 अक्टूबर 2025 को उत्तराखंड के पत्रकार राजीव प्रताप की गुमशुदगी तथा संदिग्ध हत्या के विरोध में भी रायपुर में प्रदर्शन किया गया।
छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की ठेकेदार द्वारा हत्या की जघन्य घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया था।
पत्रकार संगठनों के दबाव के कारण ही राज्य सरकार ने STF जांच शुरू की और आज तक आरोपियों को जमानत नहीं मिली।
छत्तीसगढ़ में यूनियन ने मजीठिया वेज बोर्ड के मामलों में पत्रकारों को कानूनी सहायता प्रदान की है।
अब तक 120 केस में यूनियन ने संयोजन किया है।
एक पत्रकार साथी के मामले में ₹12.50 लाख का अवॉर्ड पारित हुआ है। एक मामले में ₹1.54 करोड़ का दावा लंबित है। कुछ अन्य केस हाईकोर्ट में विचाराधीन हैं, जिनमें जल्द सकारात्मक फैसला आने की उम्मीद है।
जयपुर में सम्पन्न IJU की यह बैठक पत्रकारिता जगत के लिए दिशा-निर्देशक सिद्ध हुई। इसमें न केवल संगठनात्मक मजबूती पर बल दिया गया, बल्कि पत्रकारों की सुरक्षा, स्वास्थ्य बीमा, गरिमा और आर्थिक स्थिरता के लिए ठोस कदम उठाने का संकल्प भी लिया गया।