रायपुर(media saheb) छत्तीसगढ़ किसान सभा ने वनाधिकार, भूमि-अधिग्रहण और मनरेगा की समस्याओं को केंद्र में रखकर अभियान-आंदोलन छेड़ने का निर्णय लिया है. यह फैसला कोरबा में आयोजित किसान सभा की राज्य समिति बैठक में लिया गया. बैठक की अध्यक्षता संजय पराते ने की. बैठक में अ.भा. किसान सभा के संयुक्त सचिव तथा छत्तीसगढ़ प्रभारी बादल सरोज भी उपस्थित थे.
जारी एक बयान में छग किसान सभा के महासचिव ऋषि गुप्ता ने किसान समुदाय के हितों में नवगठित कांग्रेस सरकार द्वारा उठाये गए क़दमों को सकारात्मक बताते हुए कहा है कि कांग्रेस द्वारा चुनाव-पूर्व किए गए वादों को सही तरीके से लागू करने के लिए वह सरकार पर अपने जनसंघर्षों के जरिये दबाव बनाएगी.
उन्होंने कहा कि वनाधिकार के तहत उन आदिवासियों को भी चिन्हित किया जाना चाहिए, जिन्हें प्रशासन ने वर्ष 2005 के पूर्व या इसके बाद उनकी वनभूमि से जबरन बेदखली कर दी है. ऐसे भी आदिवासी हैं, जिनके गांवों को नगरीय निकायों में शामिल कर लिया गया है और अब प्रशासन उन्हें वन अधिकार देने से इंकार कर रहा है.
किसान सभा ने भूमि अधिग्रहण कानून के प्रावधानों के अनुसार पूरे प्रदेश में अधिग्रहित उन सभी जमीनों को, जिनका संबंधित परियोजनाओं के लिए पिछले पांच सालों में उपयोग नहीं किया गया है, को उनके मूल भूस्वामियों को लौटाने की भी मांग की है, जैसाकि बस्तर में टाटा के लिए अधिग्रहित जमीन के मामले में किया गया है. किसान सभा के अनुसार, ऐसी अधिग्रहित, लेकिन अनुपयोगी पड़ी भूमि का रकबा लाखों एकड़ में है और हजारों भू-विस्थापित परिवारों के पुनर्वास, मुआवजा और रोजगार से जुड़े मामले अधर में लटके हुए हैं. किसान सभा ने इन समस्याओं पर बड़े पैमाने पर आंदोलन छेड़ने का फैसला किया है|
किसान सभा नेता ने मनरेगा में 250 दिन काम देने तथा 600 रूपये रोजी देने की मांग करते हुए, काम न दे पाने की स्थिति में कानूनी प्रावधानों के अनुसार बेरोजगारी भत्ता देने तथा बकाया मजदूरी का भुगतान करने की भी मांग की है. उन्होंने 30 नवम्बर, 2018 की स्थिति में किसानों पर बकाया बिजली बिलों को माफ़ करने, सिंचाई की स्वयं व्यवस्था करने वाले किसानों को लागत का 75% सब्सिडी देने और 60 वर्ष से ऊपर के किसानों को पेंशन देने की भी मांग की है.
श्री गुप्ता ने कहा कि छत्तीसगढ़ एक गंभीर कृषि संकट से गुजर रहा है और इसके लिए केंद्र की मोदी सरकार ही मुख्य रूप से जिम्मेदार है. इसलिए किसान सभा ने आगामी लोकसभा चुनावों में भाजपा की पराजय को सुनिश्चित करने का भी आह्वान किया है. उन्होंने कहा कि इस बार किसान समुदाय मोदी के ‘जुमला बजट’ के झांसे में नहीं आयेंगे|