- महिला आयोग के कार्यों को सरलतापूर्वक संचालित करने के लिए कलेक्टोरेट में आरक्षित रहेगा कमरा
- जनसुनवाई में 11 प्रकरणों का हुआ निराकरण
अम्बिकापुर(mediasaheb.com)। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में महिला आयोग की जन सुनवाई कलेक्टोरेट सभाकक्ष में रखी गई। जन सुनवाई के लिए सरगुजा जिले के 20 विभिन्न मामलों के प्रकरण रखे गए जिसमें से 11 प्रकरणों को का निपटारा कर नस्तीबद्ध किया गया। आयोग की मांग पर कलेक्टर संजीव कुमार झा ने तत्काल महिला आयोग के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग कार्यालय में एक कमरा आरक्षित करने के निर्देश दिए। सुनवाई में पुलिस अधीक्षक श्रीमती भावना गुप्ता, जिला पंचायत के सीईओ विनय कुमार लंगेह उपस्थित थे।
जनसुनवाई में एक अन्य प्रकरण की सुनवाई करते हुए डॉ श्रीमती किरणमयी नायक ने कहा कि अनावेदक द्वारा बिना तलाक लिए दूसरा विवाह कर शासकीय नियमों का उल्लंघन किया है जिससे अनावेदक की सेवा समाप्ति भी हो सकती है। प्रकरण के अनुसार आवेदिका की पुत्री जो कि 12वी कक्षा में अध्यनरत है तथा अनावेदक पटवारी है जिसका लगभग 42 हजार प्रतिमाह वेतन है। साथ ही अनावेदक दो-तीन बार संस्पेड हुआ है जिसके कारण उसे प्रतिमाह 35 हजार रूपये वेतन मिल रहा है। अनावेदक अपनी पुत्री को पढ़ाई लिखाई के लिए कोई भी राशि नहीं देता है। इस स्तर पर अनावेदक के पुत्री की पढ़ाई-लिखाई के लिए अनावेदक के वेतन से 5 हजार रुपये प्रतिमाह काट कर आवेदिका के खाते में दिए जाने के निर्देश आयोग ने दिये। आवेदिका के भरण-पोषण का प्रकरण न्यायालय में भी विचाराधीन है। आवेदिका के भरण-पोषण का निराकरण न्यायालय से होगा। सुनवाई के दौरान आयोग के द्वारा यह पाया गया कि अनावेदक शासकीय सेवा में कार्यरत है और अपनी पहली पत्नी से तलाक लिए बिना दूसरी शादी किया है। इस विवाह से इससे दो संतान है जिसके पालन-पोषण की जिम्मेदारी आवेदिका पर ही है। अनावेदक के शासकीय अभिलेख में आवेदिका पत्नी और पुत्री का नाम दर्ज किया जावे अनावेदक ने स्वीकार किया कि दोनों बच्चां का नाम शासकीय अभिलेख मे दर्ज है जबकि आवेदिका का कहना है कि कोई नाम दर्ज नहीं है। इस प्रकरण की जॉच के लिए अनावेदक की पुत्री को कलेक्टर से शिकायत करने का अधिकार दिया गया है।
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका को शासन से पुनर्वास में पट्टा जमीन प्राप्त है जिस पर अनावेदक द्वारा ताला बंद कर दिया गया है जिसे अनावेदक ने मात्र 20 हजार रू. देकर आवेदिका के पट्टे की जमीन को हड़पने की मंशा रखते थे। अनावेदक ने बताया कि जमीन की बिक्रीनामा हेतु आवेदन कलेक्टर कार्यालय में लंबित है। सुनवाई के दौरान कलेक्टर ने जानकारी दिया कि बिना अनुमति जमीन बेचना अमान्य होता है। आयोग की सदस्य श्रीमती नीता विश्वकर्मा इस प्रकरण की निगरानी करेंगी।
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि विश्वकर्मा जयंती पर्व पर मंदिर गई थी जहां प्रसाद ग्रहण करने के उपरान्त पानी पीने गई लेकिन वहां ग्लास या डिस्पोजल किसी भी प्रकार की पानी पीने की व्यवस्था नहीं थी। इस पर मेरे द्वारा समाज के पदाधिकारी से पानी पीने की व्यवस्था के संबंध में पूछने पर उन्होंने अपशब्दों का प्रयोग किया जिससे मेरे मान-सम्मान को ठेस पहुॅची जिसके कारण आयोग में शिकायत दर्ज की हूं। आयोग की सुनवाई में दोनां पक्षों को विस्तार से सुना गया। दोनों पक्षों के मध्य इस प्रकरण के निराकरण के लिए परियोजना अधिकारी महिला बाल विकास विभाग को दोनां पक्षों को विश्वकर्मा मंदिर में जाकर दर्शन कराकर एक दूसरे के मध्य सामंजस्य बनाने की जिम्मेदारी दी गई। आयोग की सुनवाई में ही इस प्रकरण का निराकरण किया गया ।
बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती मधु सिंह, महिला आयोग की सदस्य श्रीमती नीता विश्वकर्मा, अपर कलेक्टर ए.एल धु्रव, अधिवक्ता सुश्री शमीम रहमान, जिला प्रभारी एमएल यादव, महिला बाल विकास के जिला कार्यक्रम अधिकारी बसंत मिंज तथा अन्य अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।