नई दिल्ली, (mediasaheb.com)। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ ( JNU) ने छात्रावास फीस वृद्धि के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान छात्रों पर पुलिस द्वारा की गई लाठीचार्ज की कड़ी निंदा की है। छात्र संघ का आरोप है कि पुलिस ने दिव्यांग विद्यार्थियों पर भी लाठियां चलाईं। घटना में करीब 50 विद्यार्थियों को गंभीर चोटें आईं हैं।
मंगलवार को जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आईशी घोष ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि छात्रावास की फीस जब तक पूरी तरह से वापस नहीं ली जाएगी, यह विरोध-प्रदर्शन जारी रहेगा। आइशी घोष ने कहा कि इसके लिए यदि बार-बार संसद घेरने की जरूरत हुई तो भी वह पीछे नहीं हटेंगे। उल्लेखनीय है कि छात्र पुराने छात्रावास नियमों को लागू करने और फीस बढ़ोतरी को वापस लेने की मांगों पर अड़े हैं।
छात्र संघ के महासचिव सतीश यादव ने कहा कि जेएनयू छात्रावास फीस का मामला देश भर के विश्वविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों को निजीकरण की तरफ धकेलने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण, दलित और गरीब तबके के विद्यार्थियों को शिक्षा से वंचित रखने की साजिश की जा रही है। यही वजह है कि नवोदय विद्यालयों की फीस भी बढ़ा दी गई है।
जेएनयूएसयू ने कहा कि पिछले 23 दिनों से फीस वृद्धि के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं लेकिन कोई भी हमारी बात नहीं सुन रहा है। छात्र संघ का आरोप है कि दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शन के दौरान दृष्टि बाधित तथा कई अन्य दिव्यांग छात्रों को पीटा है।
उधर, जेएनयू के मसले को सुलझाने के लिए केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय (एमएचआरडी) ने एक तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है। जेएनयू के वाम संगठन सहित अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने भी इसे मानने से इनकार कर दिया है।
आईशी घोष ने कहा कि वीसी हमसे बात करने के लिए तैयार नहीं हैं, हम अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे। छात्रों की मांग है कि वीसी को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए। सोमवार देर शाम छात्रों ने गठित कमेटी के सदस्यों से मुलाकात की थी। हालांकि, कमेटी के आश्वासन से छात्र संतुष्ट नहीं हुए। (हि.स.)