नई दिल्ली (mediasaheb.com)| प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि एक सुरक्षित, भरोसेमंद और लचीली डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए जी-20 उच्च स्तरीय सिद्धांतों पर आम सहमति बनाना महत्वपूर्ण है।
प्रधानमंत्री ने वीडियो संदेश के माध्यम से आज बेंगलुरू में आयोजित जी-20 डिजिटल अर्थव्यवस्था मंत्रियों की बैठक को संबोधित करते हुये कहा कि विविधता के साथ भारत समाधान के लिए एक आदर्श प्रयोगशाला है और देश में सफल हुए समाधान को दुनिया में कहीं भी सरलता से लागू किया जा सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा “मानवता के समक्ष आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए प्रौद्योगिकी आधारित समाधानों का पूरा इकोसिस्टम तैयार किया जा सकता है, इसे हमसे केवल चार सी अर्थात दृढ़ विश्वास, प्रतिबद्धता, समन्वय और सहयोग की आवश्यकता है।”
उन्होंने कहा कि विज्ञान, प्रौद्योगिकी और उद्यमशीलता की भावना एवं डिजिटल अर्थव्यवस्था पर चर्चा करने के लिए बेंगलुरु से बेहतर स्थल नहीं हो सकता।
प्रधानमंत्री ने पिछले 9 वर्षों में भारत में हुए अभूतपूर्व डिजिटल परिवर्तन के लिए 2015 में डिजिटल इंडिया पहल के शुभारंभ को श्रेय दिया। उन्होंने कहा कि भारत का डिजिटल परिवर्तन नवाचार में इसके अटूट विश्वास और त्वरित कार्यान्वयन के लिए इसकी प्रतिबद्धता और समावेश की भावना से प्रेरित है जिसमें कोई भी पीछे नहीं है। इस परिवर्तन के पैमाने, गति और दायरे का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने भारत के 85 करोड़ इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की भी चर्चा की जो दुनिया में कुछ सबसे सस्ती डेटा लागतों का आनंद लेते हैं।
PM मोदी ने शासन को बदलने और इसे अधिक कुशल, समावेशी, तेज और पारदर्शी बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने का उल्लेख किया और 130 करोड़ से अधिक लोगों को कवर करने वाले भारत के अद्वितीय डिजिटल पहचान मंच आधार का भी उदाहरण दिया। उन्होंने जेएएम ट्रिनिटी- जन धन बैंक खातों, आधार और मोबाइल का उल्लेख किया, जिनके माध्यम से वित्तीय समावेशन और यूपीआई भुगतान प्रणाली में क्रांति आ चुकी है, इन साधनों से हर महीने लगभग 10 अरब लेन-देन होते हैं, और वैश्विक वास्तविक समय भुगतान का 45 प्रतिशत भारत में होता है।(वार्ता)