भोपाल, (mediasaheb.com) । केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सोमवार को राजधानी भोपाल में मध्य क्षेत्रीय परिषद की 23वीं बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शामिल हुए। जबकि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल वर्चुअल माध्यम से बैठक में शामिल हुए। बैठक में सदस्य राज्यों के वरिष्ठ मंत्री, केंद्रीय गृह सचिव, अंतर्राज्य परिषद सचिवालय की सचिव, सदस्य राज्यों के मुख्य सचिव और राज्य सरकारों तथा केंद्रीय मंत्रालयों एवं विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
केन्द्रीय गृह मंत्री शाह ने कहा कि मध्य परिषद में शामिल मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड़ और छत्तीसगढ़ राज्य अपनी भौगोलिक स्थिति, जीडीपी में योगदान और देश के विकास के लिए महत्वपूर्ण है। पहले इन चारों राज्यों को बीमारू राज्य माना जाता था, लेकिन अब ये सभी राज्य इससे बाहर निकलकर विकास के मार्ग पर अग्रसर हैं। उन्होंने कहा कि मध्य क्षेत्रीय परिषद राज्य देश में अनाज उत्पादन का प्रमुख केन्द्र हैं और परिषद में शामिल चारों राज्यों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के टीम इंडिया के कॉंसेप्ट को जमीन पर उतारा हैं।
शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने हमेशा सहकारी संघवाद की भावना को मजबूत करने का काम किया है। उन्होंने प्रधानमंत्री बनने के बाद पिछले 8 साल में पूरे देश में टीम इंडिया की अवधारणा को सामने रख इसे चरितार्थ किया है। मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद क्षेत्रीय परिषद की बैठकों की संख्या में हुई बढोत्तरी के आंकडे देते हुए शाह ने बताया कि 1957 से 2013 की तुलना में 2014 से अब तक क्षेत्रीय परिषद की बैठकों की फ़्रीक्वेंसी में तीन गुना वृद्धि हुई है। उन्होने कहा कि कोविड के बावजूद बैठको की संख्या में बढोत्तरी प्रधानमंत्री के टीम इंडिया के कॉसेप्ट को उद्घोषित करती हैं। शाह ने यह भी कहा कि 2019 के बाद क्षेत्रीय परिषद की बैठकों में मुद्दों को हल करने में 27 प्रतिशत की बढोत्तरी हुई है जो एक बहुत बडी उपलब्धि है।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि हालांकि क्षेत्रीय परिषद की बैठकों की भूमिका सलाहकारी होती है, लेकिन गृह मंत्री के तौर पर तीन साल के अनुभव के आधार पर मैं कह सकता हूं कि परिषद और इसकी स्थायी समिति की बैठकों को महत्व देकर हमने अनेक मुद्दों को हल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। मध्य क्षेत्रीय परिषद की पिछली बैठक में 30 मुद्दो पर चर्चा हुई थी, जिसमें से 26 मुद्दों को हल कर लिया गया है, जबकि 17 जनवरी, 2022 को हुई स्थायी समिति की 14वीं बैठक में 54 में से 36 मुद्दो को पहले ही हल कर लिया गया। आज की बैठक में कुल 18 मुद्दों पर चर्चा हुई जिनमें से 15 का समाधान निकाल लिया गया, उन्होने कहा कि यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। शाह ने कहा कि परिषद की बैठकों की गति बढने के साथ ही राज्यों के बीच गुड प्रैक्टिसेस का आदान-प्रदान हो रहा है। इससे अन्य राज्यों को प्रेरणा तो मिलती ही है साथ ही केन्द्र व राज्यों के बीच बेहतर और स्वस्थ संबंध बनते हैं, राज्यों के बीच अनेक मुद्दों का संवाद के जरिए हल होता है और राज्यों के बीच परस्पर सहयोग की भावना भी मजबूत होती है।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि देश में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद मध्य क्षेत्रीय परिषद में शामिल नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में नक्सलवाद की समस्या से सख्ती से निपटने के साथ-साथ इन क्षेत्रों मे विकास के लिए अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाये गए है। उन्होंने कहा कि इसके अच्छे परिणाम निकले है जब 2009 में वामपंथी उग्रवादी हिंसा चरम पर था तब वामपंथी उग्रवादी हिंसक घटनाओं की संख्या 2258 थी जो 2021 में घटकर 509 हो गई। उन्होने कहा कि 2019 से वामपंथी उग्रवाद की घटनाओं में बहुत तेजी से कमी आई है।उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा बलो को और मजबूत करने और गैप्स कम कर रही है ।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने वामपंथी उग्रवाद प्रभावित राज्यों से अनुरोध करते हुए इस समस्या से निपटने के लिए और अधिक ध्यान केन्द्रित करने को कहा ताकि इस समस्या को जड़ से समाप्त किया जा सके। साथ ही उन्होंने कहा कि हर राज्य में फ़ोरेंसिक साइंस लॉ कॉलेज खोलने चाहिएं और छोटे क़स्बों और ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय भाषाओं में विभिन्न माध्यमों से साइबर सुरक्षा संबंधी जागरूकता अभियान चलाए जाने चाहिए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री चौहान, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री धामी, उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी ने भी बैठक को संबोधित किया।(हि.स.)