*डॉ.महरंग बलोच* बलोचिस्तान की स्वतंत्रता सेनानी
(आलेख: डॉ. संजय अनंत)
इतनी लाशे देखी है की अब मौत से भी डर नहीं लगता…
जो सच के लिए लड़ते है, उनके प्रति मेरी लेखनी अपनेआप आकर्षित हो जाती है
पाकिस्तान में लोग उन्हें ‘लेडी गांधी’ भी कहते है।
बलोचिस्तान से आती है , छोटी सी आयु में अपने पिता को खोया और भाई का अब तक पता नहीं, शायद पाकिस्तान आर्मी ने मार डाला।
जब मेडिकल कॉलेज में थी , तो कॉलेज के किसी कार्यक्रम में पाकिस्तान के मंत्री के सामने बड़ी निडरता से सब के सामने कहा था मैं पाकिस्तानी नहीं , बलोच हु , यही मेरी पहचान है..
लाखों बलोच की तरह इन के परिवार ने भी बलोचिस्तान की स्वतंत्रता के लिए बलिदान दिया है ।
हमारे अखंड भारत की अंतिम सीमा , यहां सिद्ध शक्तिपीठ माता हिंगलाज विराजित है , पवित्र हिंगुल नदी के तट पर..
बंटवारे के समय भी बलोचिस्तान एक स्वतंत्र रियासत था , जिस पर पाकिस्तान ने जबरन कब्ज़ा किया
बलोचिस्तान के लोगों ने कभी भी पाकिस्तान की गुलामी स्वीकार नहीं की , अब तक सैकड़ों बलोच बलिदान दे चुके है
डॉ महरंग बलोच के एक अंदर एक करिश्मा है, उनकी आवाज में जादू है , वो सत्य के साथ खड़ी है , इसलिए पूरी दुनियां में उनके आंदोलन को समर्थन मिल रहा है , उनका नाम नोबेल पुरस्कार के लिए भी नामांकित हुआ है
डॉ.महरंग बलोच जिनके नाम से पाकिस्तान सालों से परेशान है, डॉ.महरंग बलोच जिनके अहिंसक आंदोलन से पाक की नाक में दम हो रखा है. पाकिस्तान के चार प्रांतों में सबसे रूढ़िवादी बलूचिस्तान की निवासी बलोच महात्मा गांधी की राह पर चल रहीं हैं. बलूस्तिान को लेकर पाकिस्तान दोहरे तनाव में है. एक और बीएलए ने आतंक बरपाया हुआ है और दूसरी ओर शांतिवादी अहिंसक आंदोलनरत महरंग बलोच पहले से कहीं ज्यादा मजबूत हो चली हैं.
पाकिस्तान फिर टूटेगा और बलोचिस्तान पुनः स्वतंत्र होगा
*डॉ.संजय अनंत ©*