बिलासपुर (mediasaheb.com)| ये केवल धारावाहिक नहीं था, हमारी पीढ़ी और हमारे पहले की पीढ़ी यानि पिताजी, काका जी, मामाजी वाली पीढ़ी की सोच समझ,उसके जीवन और उसके संघर्ष का लेखा जोखा था |दरअसल दूरदर्शन उन दिनों अनेक छोटे मध्यम नगरो मे कुछ दिन पहले ही पहुंचा था,एक ही चेनल होता था सब कुछ बहुत शुरुवाती स्तर का, कलर टीवी भी उन दिनों सम्पन्न या उच्च मध्यम वर्ग तक ही सीमित था.. | उस दौर मे *हम लोग* दूरदर्शन पर आया,और सबको जोड़ने के अद्भुत कथानक के चलते पूरे देश मे लोकप्रिय हो गया |ये देश का प्रथम soap opera था, अमेरिका मे इस तरह के लंबे चलने वाले धारावाहिक सीरियल उन दिनों अधिकतर soap यानि साबुन बनाने वाली कम्पनी ही प्रायोजित करती थी | ये निम्न मध्यम वर्ग की कहानी और उसके पात्र आज भी उनके पात्रों के नाम से याद है, बसेसर छुटकी मंझली, लल्लू नन्हे, भागवन्ति या दादा जीऔर दादी.. और हर एपिसोड के अंत मे दादा मुनि यानि अशोक कुमार का कमैंट्स और एक प्रकार से सूत्रधार की भूमिका..
इस सीरियल के कोई भी कलाकार नामी नहीं थे, ये सीरियल और इसकी लोकप्रियता ने इन्हे घर घर तक पहुंचाया.. थोड़ा सा आदर्श वाद, उन दिनों के समाजवादी भारत की आर्थिक दशा और उस से झूझता भारत का निम्न मध्यमवर्ग.. हम ने ये तस्वीर जो शेयर की है इस मे से अधिकांश को आप इस सीरियल मे निभाए पात्र के नाम से ही जानते है..जैसे विनोद नागपाल बसेसर , सुषमा सेठ दादी या राजेश पुरी लल्लू.. यहीं इस धारावाहिक की सब से बड़ी उपलब्धि है और इसे कालजयी बनाती है |
* *संजय अनंत©*