हाल ए बिलासपुर
बिलासपुर(Mediasaheb.com), रायपुर जब से राजधानी बना, वो छत्तीसगढ़ के दूसरे शहरों से कई गुना आगे बढ़ गया, प्रदेश के हाई कोर्ट के होने का गौरव बिलासपुर के साथ जुड़ा है, पर ये शहर आधारभूत सुविधाओं से वंचित होता जा रहा है, राजनैतिक पार्टियां एक दूसरे पर आरोप लगा अपना पल्ला झाड़ लेती है, विकास के नाम पर केवल राजनीति होती है
शहर की सब से बड़ी समस्या है बदहाल सड़के और इन सड़को पर दिन ब दिन बढ़ता ट्रैफिक और प्रतिदिन लगने वाला जाम, बिलासपुरिया इसकी मानो आदत डाल चुके है, गज़ब की उदासीनता है, कोई बात करने तैयार नहीं, जैसे ही कोई व्यक्ति रेलवे एरिया को पार कर तार बहार इंदिरा चौक पहुँचता है, टूटी सड़क, सड़को के गड्ढे को कभी नहीं पाटे गए, यहाँ बड़ी हॉटल है,रेस्तरा है, बड़े शॉपिंग मॉल भी खुल गए है,पर शिव टॉकिज होते हुए गाँधी चौक तक सड़क की हालत दयनीय है, वहाँ से दयालबंद होते हुए तोरबा नाका की ओर जाए या विपरीत दिशा में जूना बिलासपुर होते हुए, मनोहर टॉकीज वाली पुलिया.. पूरी सड़क में गड्ढे और उनसे बचते बचाते अपने टू व्हिलर या कार को चलाते बिलासपुरिया..
आप शहर के किसी भी इलाके में चले जाइये, शहर के अंदर की सारी सड़के बदहाल है, पुराना बस स्टैंड, सीटी कोतवाली या मनोहर टाकीज़ के पास वाली पुलिया या शनिचारी बाजार कोई दिन ऐसा नहीं होता जब यहाँ ट्रैफिक जाम नहीं होता, शहर के मुख्य बाजार सदर बाजार और गोल बाजार में शाम के समय आप प्रतिदिन आधे से एक घंटे तक ट्रैफिक जाम फ़स सकते है , यदि कोई त्यौहार है या कोई शोभा यात्रा है तो फिर आप कब जाम से बाहर निकलेंगे , आप की किस्मत..
ऐसा नहीं है की कांग्रेसी या भाजपाई ये सब नहीं जानते, सब को दिख रहा है, मुख्य सड़को से ले कर गली महोल्लो तक सारी सड़के ख़राब हो चुकी है, अब बड़े फण्ड की व्यवस्था के साथ सब कुछ फिर से बनाने की जरुरत है,
राजनैतिक दबाव के चलते निर्णय होता है पर रद्द कर दिया जाता है, सिम्स से लेकर श्याम टाकीज़ के आगे शनिचारी बाजार मोड़ तक वन वे (एकांगी मार्ग) करने की जरुरत है, सीटी कोतवाली चौक में ट्रैफिक कंट्रोल के लिए आधुनिक संसाधन की जरुरत है, प्रतिदिन लगने वाले जमा से आम जनता त्रस्त है, और नेता एक दूसरे पर आरोप लगा अपनी जिम्मेदारी से बचते है,
बिलासपुर अब एक ऐसा शहर बन गया है, जहाँ पूरे शहर में सड़क बची ही नहीं है, सड़क पर आवारा जानवरो का जमघट , रेबीज़ जैसी जानलेवा बीमारी के कीटाणु लिए सड़को पर घूमते आवारा कुत्तो के समूह
कोई सुनवाई नहीं
हर शाख पर उल्लू बैठा है..
अंजाम ए गुलिस्ता क्या होगा..
कोई भी बिलासपुर वासी इन मुद्दों से इनकार नहीं कर सकता, जरुरत है जमीन पर काम करने की, कागज़ी योजनाए झूठे सपने अब बिलासपुर वाले नहीं देखना चाहते है
*संजय अनंत©*