बिलासपुर (mediasaheb.com)| गुरु तेग बहादुर बलिदान दिवस इतिहास के भूले बिसरे पन्ने…..मध्यप्रदेश के पूर्व गवर्नर(राज्यपाल) भाई महावीर जो समाजसेवक व आर्यसमाज के महान समाज सुधारक भाई परमानन्द के पुत्र थे, उनके सम्बन्ध में लिख रहा हु ….
इनके नाम के आगे ‘ भाई ‘ क्यों लिखा गया??
दिल्ली चांदनी चौक का एतिहासिक सीसगंज गुरुद्वारा तो याद होगा ? ये बलिदान स्थली है गुरु तेगबहादुर जी की( हिन्द दी चादर) | उनके साथ, उनके शिष्य मतिदास भी शहीद हुए थे | गुरु गोविन्दसिंह जी ने उनके परिवार को सम्मानित किया,उनके सहारा बने और उन्हें अपना ‘भाई ‘ मान सम्मान दिया | तब से बलिदानी मतिदास जी के वंशज अपने नाम के आगे ‘भाई’ लिखते है आप कह सकते है गुरु महाराज द्वारा दी गयी उपाधि | कल्पना करिए तो रूह काप जाती है , लकड़ी के दो पाटो के बीच बांध , पेड़ के तने काटनेवाली आरी से भाई मतिदास का शरीर दो फाड़ किया गया…..किन्तु इस्लाम कबूल नहीं किया । मंदिरों में आरती व गुरुद्वारों में गूंजता शबद…ये स्वतंत्रता बहुत बलिदानों से मिली है इसकी कीमत समझे….
संजय ‘अनंत’©
Friday, July 11
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