फ़िल्म पीकू (2015).. ये फ़िल्म किसी खूबसूरत पेंटिंग की तरह है, यदि मेरी तरह कोलकाता से अतिशय सम्मोहित है तो फिर एक बार क्या कई बार देखिए इसे..
एक सामान्य बॉलीवुड फ़िल्म नहीं हैं, बेटी पिता के रिश्तो पर बनी ये अनोखी फ़िल्म मन के तारो को झंकृत कर जाती हैं। शुजीत सरकार द्वारा निर्देशित यह फ़िल्म किसी बड़े केनवास पर बनाई पेंटिंग की तरह हैं, जिस मे जीवन के विभिन्न रंग भरे गए हैं.. सिटी ऑफ़ जॉय कोलकाता की सुबह.. जीवंत दृश्य कैमरे मे सम्मोहक विधि से कैद किए गए, बनारस के घाट, दिल्ली से कोलकाता तक का हाई वे… आप सोचेंगे ये कोई डाक्योंमेंट्री फ़िल्म हैं, नहीं पीकू एक मनोरंजन देने वाली हास्य विनोद से परिपूर्ण फ़िल्म हैं… अमिताभ ने अपने अभिनय के चरम को छुआ हैं , वे महान अभिनेता हैं.. भास्कर बेनर्जी के पात्र मे मानो एकरस हो गए, बंगाली जैसा हिन्दी बोलते हैं वैसा ही और अपनी संस्कृति, संगीत को हिन्दी से श्रेष्ठ मानने वाला जैसा कोलकाता का भद्रलोक सोचता हैं, कभी जिस बंगाली फ़िल्मी गीत पर कोलकाता ट्विस्ट डांस कर थिरकता था जीबोने की पाबो ना… उसे याद हैं उसपर थिरकता हैं, । एक झक्की , बात बात मे झगड़ने वाला सत्तर वर्षीय जो कब्ज को लेकर मन मे अनेक भ्रान्तियाँ पाले हुए हैं। बेटी पीकू से अतिशय प्रेम हैं शायद इसलिए नहीं चाहता की वो शादी कर उस से दूर चली जाय और दीपिका यानि पीकू भी अपने बाबा के साथ रहना चाहती हैं, एक आधुनिक सोच वाली फॅमिली । पर दोनों के मध्य की तीखी नोक झोक आप को हँसाती हैं। कोलकाता मे अपनी पैतृक हवेली पहुंच सायकल ले बिना किसी को बताए कोलकाता की सड़को पर सैर करते हैं। शायद जीवन के अंतिम क्षण अपनी मातृभूमि को निहारना चाहते हो, इसके बाद अपनी पैतृक हवेली मे प्राण त्याग देते हैं। पीकू के साथ कोलकाता आना शायद एक बहाना था। मृत्यु के पहले हल्का सा आभास कुछ लोगो को जाता हैं। ये तो फ़िल्म का मर्म हैं किन्तु फ़िल्म की कथा भास्कर बेनर्जी और उसके कब्ज के आस पास ही घूमती है जो हमें हँसाती हैं। एक अकेली वर्किंग वीमेन के रूप मे दीपिका का अभिनय लाजवाब हैं, इरफ़ान खान टैक्सी मालिक और ड्राइवर की भूमिका मे अपना उम्दा अभिनय प्रस्तुत करते हैं, गाने फ़िल्म की कथा को भाव को व्यक्त करने वाले हैं कोई डान्स या सपने मे रोमांस जैसा कुछ नहीं हैं। आप हॅसते हैं टायलेट को लेकर चल रही बहस पर,किन्तु पिता पुत्री का अतिशय प्रेम भी आप के ह्रदय को छूता हैं दीपिका को इतनी क्लासिक फ़िल्म मे काम करने मौका मिला और उस ने इसे बखूबी निभाया भी। एक अनोखी यादगार फ़िल्म…