फ़िरोज़ गाँधी (जयंती)
दुनियां का सब से बदनसीब इंसान, जिसकी पत्नी और बेटा दोनों भारत वर्ष जैसे बड़े देश के प्रधानमंत्री रहें हो, कोई याद करने वाला नहीं..
इंदिरा जी के प्रिय,उनके जीवन साथी फिरोज़ गांधी की कब्र कहां है?
हम बताते है स्थान है, पारसी कब्रिस्तान प्रयागराज इलाहाबाद (आबकारी चौराहे ममफोर्डगंज, इलाहाबाद ), इस दास्तां में दर्द है ,बेवफ़ाई की तकलीफ़ है,मैं बात कर रहा था फिरोज़ गांधी की , राहुल गांधी के दादाजान और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव जी के वालि की, दुनियां का शायद सबसे बदनसीब इंसान ,जिसकी बीवी इंदिरा और चश्मो चिराग राजीव भारत जैसे मुल्क के वजीरे आज़म रहे हो,उसको जीते जी न सही मरने के बाद भी कोई इज़्जत एहतराम न मिला, कब जन्मदिन आता है कब बरसी आती है कोई याद नहीं करता क्या कसूर था? गांधी परिवार के लोग न जाने कितनी बार प्रयागराज आये होंगे किन्तु कोई भी इनकी कब्र पर एक फूल चढ़ाने नहीं गया, प्रियंका और राहुल के दादाजान की कब्र किसी लावारिस की कब्र बन गई जिसका इस दुनियां में याद करने वाला शायद कोई नहीं..
इंदिरा जी बड़ी जिद्दी किस्म की, प्रतिभाशाली शख्शियत थी, जो ठान लिया , दिमाग में बैठ गया बस उस में फिर कोई समझौता नहीं, फिरोज़ पारसी थे, बड़े ही सरल सौम्य व्यक्तित्व के धनी,कांग्रेस के नेता, स्वतंत्रता आंदोलन में भी सक्रिय रहें, नेहरू और उनके परिवार में, उस दौर के हिसाब से इंदिरा जी का रिश्ता किसी पारसी से संभव नहीं था, इंदिरा जी अपने अतिशय प्रिय फ़िरोज़ से ही विवाह करना चाहती थी, परिवार में अच्छा खासा विरोध था , खैर गांधी जी के बीच बचाव से शादी भी हुई, वो भी हिन्दू रीति रिवाज़ से और उनकी कृपा से सरनेम गांधी भी मिला, जिसे नेहरू के ये वंशज आज तक इस्तेमाल कर रहे है..
शायद फिरोज़ गांधी को उस दिन का इंतज़ार है जब उनका पोता राहुल या प्रियंका उनकी टूटी फूटी कब्र पर कभी आ कर एक फूल रख कर दो मिनट पास खड़े रहे । देखते है वो दिन कब आएगा।
*संजय ‘अनंत’©*