रायपुर (mediasaheb.com) | किसान फणीधर यादव, रघुनाथपुर ने मुख्यमंत्री को बताया कि मैने डेढ़ लाख का लोन लिया था। खेती किसानी का पूरा लोन माफ हो गया। राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ मिल रहा है। उसने मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया। महिला किसान श्रीमती मुक्ति देवी ने बताया कि उसकी ज़मीन तीन एकड़ की है, 80 हज़ार रुपए का ऋण माफ़ हुआ है। उसने 60 कट्टा धान बेचा है जिसका पूरा पैसा 43 हजार रुपए मिल गया है। राजीव गांधी कृषि न्याय योजना की किश्त भी मिल गई है। मुख्यमंत्री ने पूछा कि पैसे से क्या किए यो उन्होंने किसान ने बताया की ट्रेक्टर लेने की योजना है। जागेश्वर ने बताया कि भूमिहीन कृषक न्याय योजना का लाभ मिल रहा है, अभी 2000 मिला है। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस बार से 7000 रुपए मिलेगा।
मिथाइल तिर्की ने बताया कि उसे पौने एक एकड़ का वन अधिकार पट्टा मिला है। प्रमिला भगत ने बताया कि उनका समूह वनोपज ख़रीदी करते हैं। उन्होंने इमली 13 क्विंटल और अमचूर 55 किलो ख़रीद है। शकुंतला पैकरा, अम्बिका स्व-सहायता समूह ने बताया कि उन्हें गोधन न्याय योजना का लाभ मिल रहा है। गोबर खाद बनाकर हमारे समूह ने 3 लाख 83 हज़ार रुपए में बेच दिया है। बचत खाते में दो लाख हैं, बाँकी बाँट लिए हैं। हम मुर्गी, बकरी, बटेर पालन भी करते हैं। सुर पालन भी कर रहे हैं।
अंजुला बेक, टेढ़वाँ पंचायत ने बताया कि गाँव में गौठान बना है। गोबर ख़रीदी हो रही है, हम मुर्गीपालन भी कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सबसे पहले जब हमारी सरकार बनी तो किसानों का ऋण माफी किया। स्वामी आत्मानन्द अंग्रेजी माध्यम स्कूल शासन की योजनाओं में से एक अच्छी योजना है। गरीब से गरीब बच्चों को भी वे सभी सुविधाएं मिलनी चाहिए, जो शहरी बच्चों को मिलती है। अच्छे नागरिक बनने के लिए अच्छे स्कूलों का होना भी जरूरी है
स्वामी आत्मानंद, कांसाबेल में पढ़ रही आठवीं की छात्र फैज आलम ने बताया कि फैसिलिटी से बहुत फायदा हुआ है। अच्छे टीचर हैं। बढ़िया लैब है। वहीं पूजा यादव 10वीं की छात्र ने बताया कि पढ़ाई बहुत अच्छी है। साक्षी सिंह कुशवाहा ने बताया की उसने अभी 97.8% अंक लाई है। अच्छे स्कूल खुलने से पढ़ाई अच्छी हुई है, साक्षी बड़े होकर IAS बनना चाहती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने शासकीय नौकरी में 14 हज़ार से अधिक टीचर की भर्ती की है और कई विभागों में नौकरी मिल रही है।
हमने किसानों की आय को बढ़ाने के लिए कई योजनाएं शुरू की, तब रक़बा भी बढ़ा और किसानों की संख्या भी बढ़ी।
वनोपज ख़रीदी, गोबर ख़रीदी, गौठान में आजीविका से सम्बंधित गतिविधियों का संचालन किया।