रायपुर (mediasaheb.com)| कलिंगा विश्वविद्यालय के फार्मेसी संकाय के द्वारा “करेंट परसपेक्टिव आफ फार्मेकोविजिलेंस इन ड्ग डिस्कवरी एंड डेवलपमेंट “थ्रू हाइब्रिड मोड” विषय पर 7 एवं 8 अप्रैल को दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। यह अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन इंडियन फार्मेकोपिया कमीशन (गाजियाबाद), आईपीए (राज्य शाखा), एपीटीआई (राज्य शाखा), निर्मला कॉलेज आफ फार्मेसी ( गूंदूर, आंध्र प्रदेश) के सहयोग से विश्वविद्यालय के फार्मेसी विभाग द्वारा आयोजित किया गया। जिसमें देश विदेश के फार्मेसी विषय के विद्वान, प्राध्यापक एवं शोधार्थी उपस्थित थें। इस अवसर पर प्रस्तुत शोधपत्रों का ग्लोबल फार्मेकोविजिलेंस सोसायटी के सहयोग से फार्मेकोविजिलेंस एंड ड्रग्स रिसर्च पर अंतर्राष्ट्रीय जर्नल में प्रकाशन किया जाएगा। उक्त अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में 250 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।
अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के प्रथम दिवस पर उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में युआईपीओ, पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय की निर्देशक डॉ. स्वर्णलता सर्राफ उपस्थित थी। जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में फार्मेकोविजिलेंस के मूल्यांकन के संदर्भ में महत्वपूर्ण जानकारियों को साझा किया। इसके अतिरिक्त अतिथि के रूप में उपस्थित आरसीपीएसआर रायपुर की प्राचार्य डॉ. चंचलदीप कौर, एसआरएसआईपीएस कुम्हारी की प्राचार्य डॉ. अंशिता गुप्ता सोनी, यूसीपी पीडीयूएमएचएस के प्राचार्य डॉ. शेखर वर्मा ने भी संबंधित विषय पर महत्त्वपूर्ण जानकारियों पर अपने अनुभव को प्रस्तुत किया।

प्रथम दिवस पर विन मेडीकेयर ( मोदी मुन्डी फार्मा) की निर्देशक डॉ. माया शर्मा ने की नोट स्पीकर की भूमिका के दायित्व निर्वहन के साथ “ऑन्कोलॉजी में फार्माकोविजिलेंस’ पर अपनी बातों को सामने रखा। उसके उपरांत पी. वी. आपरेशन (पेरेक्सेल इंडिया) के वरिष्ठ निर्देशक श्री गुरप्रीत सिंह ने “फार्माकोविजिलेंस: वर्तमान रुझान, चुनौतियां और अवसर पर महत्वपूर्ण जानकारियों को प्रदान किया। इसी क्रम में इरेनिम (इजराइल) की चेयर पर्सन डॉ. आइरीन आर. फर्मोंटे, केस्ड (क्यूबा) के फार्मेकोविजिलेंस विशेषज्ञ सुश्री गिसेट लुपेज और फार्मेकोविजिलेंस इन क्लिनिकल डेवलपमेंट प्रोग्राम (राकेट फार्मेक्यूटिकल्स अमेरिका के एसोसिएट डाइरेक्टर डॉ आमेर अहमद सईद ने अपनी बात रखी। इसके अतिरिक्त विभिन्न शोध क्षेत्रों के 30 से अधिक प्रतिभागियों के द्वारा विविध विषयों पर ऑनलाइन पोस्टर भी प्रस्तुत किया गया। अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के प्रथम दिन हाइब्रिड मोड पर 15 से अधिक प्रतिभागियों ने ऑफलाइन मोड में पोस्टर प्रस्तुत किया। सम्मेलन में उपस्थित विभिन्न विद्वान मूल्यांकनकर्ताओं के द्वारा उक्त शोध पत्र एवं पोस्टर दोनों प्रकार की प्रस्तुतियों का मूल्यांकन किया गया।
अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन की शुरुआत “लैटिन अमेरिका में फार्मास्युटिकल कंपनियों के लिए पीवी कार्यान्वयन में चुनौतियां” पर विजिलान्तिया हेल्थकेयर (न्यूजर्सी) की फार्मेकोविजिलेंस प्रबंधक सुश्री कैथरीन डेनेरी की बातचीत के साथ शुरू हुई। इसके बाद ग्लोबल फार्मेकोविजिलेंस सोसायटी (उड़िसा) के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. चिन्मय महापात्रा द्वारा “भारत में एडीआर निगरानी केंद्रों की भूमिका” पर जानकारीपूर्ण सत्र आयोजित किया गया ।

इसके अतिरिक्त एग्रीगेट रिपोर्ट्स (पी फाइजर्स, भारत) के डॉ. बी. ममता नायर द्वारा “समीक्षा के चिकित्सीय मामलों में समग्र रिपोर्ट की कमी की समीक्षा, अल्ट्राजिनेक्स फार्मेक्यूटिकल्स (ब्राजील) की सुश्री डेनिस रोड्रिग्स डी लीमा द्वारा “ब्राजील में पीवी सिस्टम की अन्य लैटिन देशों के साथ तुलना” पर बातचीत की गई। सत्र में वैज्ञानिक वार्ता के लिए संबंधित अध्यक्षों की उपस्थिति में डॉ. योगेश वैष्णव, प्रोफेसर एसएसटीसी, जुनवानी मिलाई, डॉ. डी. के. त्रिपाठी, प्राचार्य, आरसीपीएसआर, भिलाई, डॉ. सरपायगी,
त्रिलोचन प्रोफेसर, यूसीओपी, यूडीपीएस, रायपुर, डॉ. सत्यव्रत मांजा, प्रिंसिपल, आरआईटीईई कॉलेज ऑफ फार्मेसी, रायपुर और डॉ. रवींद्र पांडे, प्रोफेसर, कोलंबिया इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी, रायपुर की महत्वपूर्ण उपस्थिति रही। इस ज्ञानवर्धक सत्र में प्रतिष्ठित संस्थानों के प्रतिभागियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया।
सम्मेलन का समापन कलिंगा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. आर. श्रीघर के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ। उन्होंने फार्मेसी क्षेत्र में फार्माकोविजिलेंस के अपने अनुभव और उसके महत्व पर अपने विचारों को साझा किया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित मेप्रो फार्मास्युटिकल्स प्रा. लिमिटेड (गुजरात) के उपाध्यक्ष डॉ. संग्राम चौधरी ने भी अपने औद्योगिक ज्ञान को साझा किया और प्रतिभागियों को प्रोत्साहित किया। अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का समापन सम्मेलन पत्रिका के विमोचन और पुरस्कार वितरण समारोह के साथ संपन्न हुआ।
मूल्य वितरण की पहली श्रेणी हिमाचल प्रदेश के शूलिनी विश्वविद्यालय के श्री अभिषेक देवांगन को उनकी मौखिक प्रस्तुति पर दी गई। ई- पोस्टर प्रेजेंटेशन की दूसरी श्रेणी के विजेताओं में श्रीमती सेगू प्रत्युषा रिसर्च स्कॉलर, बीईएलएस, चेन्नई, श्री रुद्र प्रताप सिंह राजपूत, रिसर्च स्कॉलर, श्री रावतपुरा सरकार इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी, कुम्हारी सुश्री स्वाति पांडे, सहायक प्रोफेसर एसआईआरटी फार्मेसी सेज यूनिवर्सिटी, भोपाल, आयुष जैन. एम. फार्म द्वितीय सेमेस्टर कलिंग विश्वविद्यालय, नीरज साहू फार्म षष्ठम सेम और श्री रावतपुरा सरकार फार्मेसी संस्थान, कुम्हारी को प्रदान किया गया।
उक्त अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन सत्र में कलिंगा विश्वविद्यालय के फार्मेसी संकाय की सहायक प्राध्यापक सुश्री रजनी यादव ने सम्मेलन में उपस्थिति अतिथि एवं शोधार्थियों के साथ समस्त उपस्थितजन के प्रति धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। उन्होंने कलिंगा विश्वविद्यालय की प्रबंधन समिति, मुख्य अतिथि एवं उपस्थित अन्य गणमान्य व्यक्तियों के प्रति एवं बेहतर आयोजन के लिए फार्मेसी संकाय के विभागाध्यक्ष डॉ संदीप प्रसाद तिवारी, श्री सुदीप मंडल, सुश्री सोनम छिपाने, श्री प्रांजुल श्रीवास्तव, डॉ भूमिका चंद्राकर श्री दीपेंद्र सोनी, सुश्री खुशबू गुप्ता, श्रीमती सृष्टि नामदेव और फार्मेसी विभाग के छात्र स्वयंसेवकों के प्रति हार्दिक आभार
व्यक्त किया ।