नई दिल्ली (mediasaheb.com)| केंद्रीय विद्युत मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने संसद की एक समिति को बताया कि पिछले 10 वर्ष में ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति में बड़ा सुधार है और इन क्षेत्रों में बिजली की उपलब्धता अब 12.5 घंटे से बढ़कर 22.4 घंटे हो गयी है और बिजली वितरण में सुधार के कार्यक्रम प्रगति पर हैं।
उन्होंने बताया कि एक दशक में शहरी क्षेत्रों में बिजली की उपलब्धता 22 घंटे से बढ़कर 23.4 घंटे हो गयी है। श्री खट्टर विद्युत मंत्रालय से सम्बद्ध संसद सदस्यों की परामर्शदात्री समिति की अध्यक्षता कर रहे थे। राजधानी में 16 जनवरी 2025 को हुई इस बैठक में बिजली क्षेत्र में सुधार के नीति और कार्यक्रमों के अनुपालन में प्रगति की जानकारी दी गयी।
विद्युत मंत्रालय की एक विज्ञप्ति के अनुसार स्मार्ट मीटर स्थापना के कार्यान्वयन पर चर्चा करते हुये मंत्री ने कहा कि स्मार्ट मीटर बिलिंग त्रुटियों को कम करके, ऊर्जा दक्षता को बढ़ाकर और उपयोगकर्ताओं के लिये अधिक सुविधा प्रदान करके उपभोक्ता और वितरण कंपनियों दोनों को लाभान्वित करते हैं। इससे डिस्कॉम को घाटे को कम करने, बिजली खरीद लागत का अनुकूलन, नवीकरणीय ऊर्जा का एकीकरण आदि में मदद करते हैं।
बैठक में बिजली राज्य मंत्री श्रीपद येसो नाइक ने सेवा की गुणवत्ता में सुधार और उपभोक्ता विश्वास का निर्माण करने में पुन: वितरित वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) की प्रगति की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आरडीएसएस के तहत परियोजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन से डिस्कॉम की वित्तीय स्थिरता मजबूत होगी केंद्र सरकार से 97,631 करोड़ रुपये
मिले हैं।
बैठक को बताया गया कि इस कार्यक्रम के अंतर्गत अब तक निगरानी समिति (एमसी) की 45 बैठकें हो चुकी हैं। 19.79 करोड़ स्मार्ट उपभोक्ता मीटर, 52.53 लाख वितरण ट्रांसफार्मर (डीटी) मीटर और 2.1 लाख फीडर मीटर को कवर करने वाले सिस्टम मीटरिंग कार्यों को मंजूरी दी गई है। इसके अलावा, 32 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपये के नुकसान कम करने के कार्यों को मंजूरी दी गयी है।
विज्ञप्ति के अनुसार अब तक 1.12 लाख करोड़ रुपये के कार्यों को मंजूरी दी गयी है जो कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं। इसके अलावा, स्मार्ट मीटर के कामों में भी तेजी आई है। अब तक लगभग 11.5 करोड़ स्मार्ट उपभोक्ता मीटर, 45 लाख डीटी मीटर और 1.70 लाख फीडर मीटर दिए जा चुके हैं और इनकी स्थापना की जा रही है।
बैठक में यह भी बताया गया कि राष्ट्रीय स्तर पर वितरण कंपनियों का सकल तकनीकी एवं वाणिज्यक बिजली नुकसान
(एटीएंडसी नुकसान) वित्त वर्ष 2020-21 में 22.32 प्रतिशत था, जो घटकर 2022- 23 में 15.37 प्रतिशत पर आ गया है। अधिकांश राज्य अब सब्सिडी और सरकारी विभाग के बकाये का समय पर भुगतान कर रहे हैं। बैठक में संसदीय समिति के सदस्य, पंकज अग्रवाल, सचिव (विद्युत) और विद्युत मंत्रालय के अन्य अधिकारी, सीईए के अध्यक्ष और आरईसी लिमिटेड और पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड के सीएमडी ने भाग लिया।(वार्ता)