नई दिल्ली (mediasaheb.com)| चुनाव आयोग ने यमुना के पानी में हरियाणा द्वारा जहर मिलाए जाने संबंधी आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय समन्वयक अरविंद केजरीवाल के आरोपों पर उनसे शुक्रवार 11 बजे तक साक्ष्य प्रस्तुत करने को कहा है। आयोग ने इससे पहले, इस प्रकरण में भारतीय जनता पार्टी की ओर से श्री केजरीवाल के खिलाफ की गयी शिकायत पर उन्हें नोटिस देकर सफाई पेश करने को कहा था। आयोग ने उस नोटिस पर श्री केजरीवाल के जबाव को लेकर उन्हें गुरुवार को लिखे पत्र में कहा है कि उनका जबाव ‘आपके सार्वजनिक और बहुचर्चित वक्तव्य के बारे में बिल्कुल खामोश है’ जिसमें जलापूर्ति को विषाक्त करने की बात कही गयी है।
आयोग ने श्री केजरीवाल को आज लिखे पत्र में कहा है कि उनका यह बयान प्रथम दृष्ट्या ‘विभिन्न समूहों के बीच टकराव और वैमनस्य को बढ़ावा देने वाला’ है जिसमें आरोप है कि भाजपा के शासन वाली हरियाणा सरकार युमना नदी से दिल्ली के लिये छोड़े जाने वाले पानी में जहर मिला देती है। आयोग ने उनको अपने इशारों के समर्थन में कल पू्र्वाह्न 11 बजे तक सबूत प्रस्तुत के लिये कहा है। चुनाव आयोग ने इससे पहले भाजपा और कांग्रेस के शिकायत पर श्री केजरीवाल को मंगलवार को नोटिस देकर इन आरोपों का तथ्यात्मक और कानूनी आधार प्रस्तुत करने के लिये कहा था।
श्री केजरीवाल ने आयोग को इस संबंध में कल को अपना जबाव भेजा था जिसमें उन्होंने कहा था कि यमुना के पानी पर दी गई उनकी टिप्पणी दिल्ली में पेयजल की गुणवत्ता के कारण सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट के संदर्भ में थी। यमुना के जल पर बयान गंभीर विषाक्तता और हरियाणा से मिलने वाले अशोधित पानी के के बारे में दिया गया था। उन्होंने कहा कि तथ्य साबित करते हैं कि उन्होंने अपने बयान से किसी भी कानून या किसी आदर्श चुनाव संहिता का उल्लंघन नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा से आने वाले पानी में प्रदूषण इतना अधिक है कि दिल्ली के जल शोधन संयंत्र इसे सुरक्षित सीमा के भीतर शोधन करने में असमर्थ हैं। हरियाणा से हाल ही में आया पानी अत्यधिक दूषित और मानव स्वास्थ्य के लिए अत्यंत जहरीला है। आयोग ने कहा था कि हरियाणा से दिल्ली में छोड़े जा रहे नदी जल में अमोनिया की मात्रा अधिक होने की दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी मार्लेना और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवत मान की शिकायत को श्री केजरीवाल के ‘ जहर मिलाने’ के आरोप से अलग मामले के रूप में देखा जा रहा है। (वार्ता)