फिल्म : डिप्लोमेट
कल ये फिल्म देखी, इस फिल्म का विषय सत्य घटना पर आधारित है , 2017 की घटना है ,जब एक भारतीय लड़की उम्ज़ा अहमद , एक पाकिस्तानी मुस्लिम ताहिर के प्रेम जाल में फंस जाती है , जो एक खूंखार दहशतगर्द है, उस से बच कर वापस भारत आती है
उन दिनों भारत के पाकिस्तान में भारतीय राजनयिक श्री जे पी सिंह थे , जो वर्तमान में इजराइल में भारत के राजदूत है , उन दिनों देश की विदेश मंत्री थी सुषमा स्वराज , जो अब इस संसार में नहीं है।
फिल्म की सबसे बड़ी ताकत आप मुझ से पूछे तो , मै कहूंगा ये फिल्म आप को जेहादी आतंक की डरावनी दुनिया जो काल्पनिक नहीं है , उस में ले जाती है और फिल्म की नायिका के साथ आप भी उस डर को , को। दरिंदगी को अनुभूत करते है, उन दरिंदों की दरिंदगी आप को विचलित कर देगी।
फिल्म में हीरो यानी अपने जॉन अब्राहम आप को भारत के एक समझदार , उच्च श्रेणी के डिप्लोमेट लगते है, कैसे अपनी सूझबूझ से वो इस भारतीय लड़की की सहायता करते है और अंत में कामयाब होते है ।
फिल्म ,एक जबरदस्त स्क्रिप्ट पर बनी है , इसलिए कही बनावटी नहीं लगती , दर्शक कहानी से जुड़ जाता है और घटनाक्रम को वो दम साधे देखता है।
फिल्म के अंतिम के कुछ मिनट अवश्य नाटकीय लगे , भारत की बॉर्डर तक को छोड़ने जाने तक ,रास्ते में ताहिर और उसके साथी, भारतीय राजनायिक पर हमला करते है , वो थोड़ा नाटकीय लगा , न तो ऐसा हुआ था और न ही अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में ऐसा संभव है ।
यहां , हमारे हीरो आतंकवादियों की कार को ठोक देते है, यदि इन कमियों को किनारे रखे तो, ये फिल्म एक अच्छी फिल्म है , सत्य घटना पर आधारित है
चूंकि विषय एकदम नया है ,तो फिल्म में आप को कुछ नया देखने मिलता है अंतरराष्ट्रीय कूटनीति कैसे चलती है , दो देशों के मध्य कितना कुछ परदे के पीछे होता है , जिसे आम जन नहीं जानते
फिल्म आप को स्वस्थ मनोरंजन देगी , सपरिवार देख सकते है
हमारी ओर से दस में सात
*डॉ.संजय अनंत©*