रायपुर (mediasaheb.com)| महाराजा रणजीत सिंह जी का जन्म गुजरांवाला हुआ। उस समय पंजाब छोटी छोटी मिसलों में बंटा हुआ था। इनके पिताजी सुकर चकिया मिसल के राजा थे। रणजीत सिंह जी ने 12 वर्ष की आयु में पिताजी की मृत्यु के बाद विषम स्थितियों में राज्य संभाला। उन्होंने अपने पराक्रम से पूरे पंजाब को एक राज्य के रूप में संगठित किया। इनके जीते जी अंग्रेज इनके राज्य के आसपास फटक तक नहीं सके। इन्हें शेर-ए-पंजाब कहा जाता था। पहली आधुनिक सिख सेना का गठन भी इन्होंने ही किया था। बेशकीमती कोहिनूर हीरा भी इन्हीं के पास था जो इनकी मृत्यु के बाद अंग्रेज चुरा के ले गए और रानी विक्टोरिया को सौंप दिया। उन्होंने ही अमृतसर के गुरुद्वारे में संगमरमर लगाया तथा सोना मढ़वाया, जिसके बाद उसे स्वर्ण मंदिर कहा जाने लगा। ऐसे वीर को कोटिशः नमन ।(स्त्रोत–शाश्वत राष्ट्रबोध)
Thursday, October 24
Breaking News
- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने की राज्योत्सव 2024 की तैयारियों की समीक्षा
- यातायात सुगम करने भोपाल को एक और आरओबी की सौगात
- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में छत्तीसगढ़ खनिज विकास निधि सलाहकार समिति की 20 वीं बैठक सम्पन्न
- 121 रनों की धुआंधार पारी के साथ फतेहपुर ने जीता पीईकेबी क्रिकेट चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब
- मुख्यमंत्री ने 40 स्व सहायता समूह की महिला सदस्यों को 24 लाख का चेक प्रदान किया
- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बिजली सखियों को वितरित किए बिजली किट
- आदिवासी क्षेत्रों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है हमारी सरकार-मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय
- मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की बैठक प्रारंभ
- पीइकेबी ट्रॉफी में बसेन और फतेहपुर के बिच मुकाबला
- प्रकृति की गोद से लिखी जाएगी सरगुजा क्षेत्र के विकास की नई इबारत