रायपुर (mediasaheb.com)| महाराजा रणजीत सिंह जी का जन्म गुजरांवाला हुआ। उस समय पंजाब छोटी छोटी मिसलों में बंटा हुआ था। इनके पिताजी सुकर चकिया मिसल के राजा थे। रणजीत सिंह जी ने 12 वर्ष की आयु में पिताजी की मृत्यु के बाद विषम स्थितियों में राज्य संभाला। उन्होंने अपने पराक्रम से पूरे पंजाब को एक राज्य के रूप में संगठित किया। इनके जीते जी अंग्रेज इनके राज्य के आसपास फटक तक नहीं सके। इन्हें शेर-ए-पंजाब कहा जाता था। पहली आधुनिक सिख सेना का गठन भी इन्होंने ही किया था। बेशकीमती कोहिनूर हीरा भी इन्हीं के पास था जो इनकी मृत्यु के बाद अंग्रेज चुरा के ले गए और रानी विक्टोरिया को सौंप दिया। उन्होंने ही अमृतसर के गुरुद्वारे में संगमरमर लगाया तथा सोना मढ़वाया, जिसके बाद उसे स्वर्ण मंदिर कहा जाने लगा। ऐसे वीर को कोटिशः नमन ।(स्त्रोत–शाश्वत राष्ट्रबोध)
Sunday, September 14
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