बस्ती (mediasaheb.com)| कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) को पाकिस्तान का सरपरस्त करार देते हुये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि संविधान की दुहाई देने वाली कांग्रेस ने आपातकाल लागू कर और पिछड़े वर्ग के तत्कालीन अध्यक्ष सीताराम केसरी को फुटपाथ पर फेंक कर अपनी ही पार्टी के संविधान की धज्जियां उड़ाई थीं।
पालीटेक्निक ग्राउंड पर बस्ती ,सिद्धार्थनगर और डुमरियागंज के भाजपा प्रत्याशियों के समर्थन में आयोजित चुनावी सभा को संबोधित करते हुये श्री मोदी ने कहा “ कांग्रेस और सपा वालों को अचानक संविधान की याद आ गयी है। इसी कांग्रेस ने 70 के दशक में आपातकाल लगाकर संविधान को खत्म करने की भरपूर कोशश की थी। यह वहीं पार्टी है जिसने अति पिछडे वर्ग के पार्टी अध्यक्ष सीताराम केसरी को एक शाम कांग्रेस दफ्तर के बाथरुम में बंद कर दिया था और मैडम सोनिया जी की टोली ने उन्हे फुटपाथ पर फेंक दिया था और रातों रात सोनिया गांधी को कांग्रेस का अध्यक्ष बना दिया गया था। जिस कांग्रेस ने अपनी पार्टी के संविधान की परवाह नहीं की वह आज देश के संविधान को बचाने की बात कर रही है।”
सपा पर निशाना साधते हुये उन्होने कहा “ बाबा साहब डा भीमराव अंबेडकर के संविधान की कद्र न करते हुये सपा ने हमेशा दलितों के आरक्षण का विरोध किया और संविधान के परे जाकर आज दलितो एवं पिछडों को आरक्षण छीनकर वोट जिहाद करने वालों को इसका हिस्सा देना चाहते हैं। कांग्रेस मुस्लिमों को आरक्षण देने के लिये अंबेडकर का संविधान बदलना चाहती है जबकि सपा भी दलित पिछडों के विरोध में कांग्रेस के साथ खडी है। इनको पक्का सबक सिखाना है। ”
अयोध्या में राम मंदिर का जिक्र करते हुये उन्होने कहा कि कई लोगों को अपने बच्चे का जन्मदिन और शादी की वर्षगांठ याद नहीं रहती मगर वे 22 जनवरी 2024 को कभी नहीं भूलते क्योंकि इसी दिन अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुयी थी। पूरा देश राम से राष्ट्र, विरासत से विकास और अध्यात्म से आधुनिकता के मंत्र को आत्मसात करते हुये आगे बढ़ रह है। भारत आज दुनिया की पांचवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था बन चुका है। भारत का पूरी दुनिया में कद और सम्मान बढा है। भारत अब वैश्विक मंचों पर बोलता है तो पूरी दुनिया बडे ध्यान से सुनती है। भारत फैसले लेता है तो दुनिया उसके साथ अपने कदम मिलाने की कोशिश करती है। आतंक का सरपरस्त देश जो आंख दिखाता है और धमकियां देता था। आज उनकी हैसियत ‘न घर का न घाट का’ का जैसी हो गयी है।(वार्ता)