प्रदेश में धान और खाद्यान्न की पैदावार में रिकॉर्ड 12% गिरावट करके भूपेश सरकार किसानों की 12 बजा रही है
रायपुर,(mediasaheb.com) जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के अध्यक्ष अमित जोगी ने पिछले दिनों मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को गुलाबी आइना भेजा था। इस आईने में आज जोगी ने मुख्यमंत्री को प्रदेश की पहली भयावह तस्वीर दिखाई। छत्तीसगढ़ में इस वर्ष धान और खाद्यान्न की पैदावार में रिकॉर्ड गिरावट संभावित है। अमित जोगी ने मुख्यमंत्री को दिखाया की इस वर्ष खाद्यान्न की पैदावार में लगभग १२% की गिरावट संभावित है। जहाँ वर्ष 2018 – 2019 में 10.57 मिलियन टन खाद्यान्न की पैदावार हुई थी वहीँ इस वर्ष प्रदेश में सिर्फ 9.3 मिलियन टन धान की पैदावार का लक्ष्य रखा गया है अर्थात सरकार ने पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष पैदावार का लक्ष्य ही लगभग 12% कम रखा है। इसी प्रकार धान की पैदावार भी पिछले वर्ष 9.4 मिलियन टन थी लेकिन इस वर्ष धान की पैदावार का लक्ष्य भी घटाकर 8.3 मिलियन टन अर्थात पिछले वर्ष की तुलना में 11.7% कम रखा है।
अमित जोगी ने कहा कि उक्त आकड़े सरकार की किसानों के प्रति नियत बयान कर रही है: 12% खाद्यान और धान का उत्पादन काम करके भूपेश सरकार किसानों की 12 बजा रही है। एक ओर राज्य सरकार 2500 रूपए प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य पर धान खरीदने का डिंडोरा पीट रही है वहीँ दूसरी ओर आर्थिक कुप्रबंधन की वजह से प्रदेश का खजाना खाली कर धान की पैदावार ही घटा दे रही है जिससे की धान के अभाव में उसे किसानों को समर्थन मूल्य ही नहीं देना पड़े। भूपेश सरकार “न रहेगा बांस, न बजेगी बांसुरी” की तर्ज पर कार्य कर रही है।