धान की खेती से हटकर किसान अपने खेतों में उगा रहे हैं दूसरी फसलें
सरगुजा संभाग के प्रतापपुर में युवा किसान ने नवाचार कर शुरू की सेव की खेती
100 से ज्यादा पौधे,1 साल में ही कई पौधों में फल आने हुए शुरू
रायपुर (mediasaheb.com)| छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है। कुछ समय पहले तक छत्तीसगढ़ के किसान धान की फसल के अलावा दूसरी फसलों के बारे में सोचते भी नहीं थे। लेकिन मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के द्वारा किसानों के लिए शुरू की गयी जनहितकारी योजनाओं के चलते किसान अब नवाचार कर रहे हैं। धान के बदले दूसरी फसलें लेने के लिए शासन द्वारा शुरू की गयी योजना का लाभ लेकर किसान छत्तीसगढ़ जैसे गर्म प्रदेश में सेव की खेती कर रहे हैं। सेव की खेती ठंडे प्रदेशों में हो सकती है,इस मिथ्या को तोड़ने की कोशिश प्रतापपुर के एक युवा कृषक ने की है। मुकेश गर्ग नाम के कृषक ने सूरजपुर जिले के प्रतापपुर जैसी गर्म जगह में अलग-अलग किस्म के सेव के सौ से ज्यादा पौधे लगाए हैं और कुछ में तो फल भी आने शुरू हो गए हैं।कुछ हप्तों में ये पूरी तरह से तैयार होकर खाने लायक हो जायंगे। कहा जा रहा है कि छत्तीसगढ़ में कहीं भी सेव की खेती हो सकती है और ये किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है।
आमतौर पर सेव का फल हिमाचल प्रदेश,जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड जैसे कम तापमान वाले राज्यों में होते हैं क्योंकि वहां का मौसम सेव की खेती के लिए अनुकूल है। छत्तीसगढ़ का मौसम गर्म है उन्हें सेव के अनुकूल नहीं माना जाता और इसकी खेती सपने जैसी है।लेकिन अब गर्म स्थानों में भी सेव की खेती हो सकती है।