रायपुर,(mediasaheb.com) । छत्तीसगढ़ विधानसभा मानसून सत्र के तीसरे दिन शुक्रवार को सदन में विधायक देवेंद्र यादव ने बीएसपी प्रबंधन द्वारा ठेका श्रमिकों को प्रदान की जा रही सुरक्षा को लेकर सवाल उठाया। विधायक ने कहा कि 2019 से 2022 तक बीएसपी संयंत्र के अंदर कितनी दुर्घटना घटित हुई है और कितनी कार्यरत बीएसपी ठेका श्रमिकों की मौत गंभीर दुर्घटना से हुई है। साथ उन्होंने पूछा कि मृत्यु पर प्रबंधन क्षतिपूर्ति के रूप में आश्रित परिवारों में किसी एक को नौकरी देने का राज्य शासन की नीति नियमों का पालन किया जा रहा है या नहीं।
इस पर नगरी प्रशासन मंत्री शिव कुमार डेहरिया ने कहा कि भिलाई में 22 दुर्घटनाएं घटित हुई है। जिसमें 12 ठेका श्रमिकों की मृत्यु व 9 ठेका श्रमिक गंभीर रूप से घायल हुए। वहीं तीन नियमित श्रमिकों की मृत्यु हुई है। उन्होंने कहा कि कारखाना अधिनियम 1948 के प्रावधानानुसार कारखाने में नियोजित समस्त श्रमिकों के स्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित करने का दायित्व एवं नियंत्रण प्रबंधन पर निहित है। श्रमिकों की मृत्यु पर उनके आश्रितों को नौकरी देने का प्रावधान नहीं है। इसके बावजूद मानवीय आधार पर आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति दिलवाए जाने का प्रयास किया जाता है। 2019-2022 तक 12 मृतकों के आश्रितों में से चार को एवं तीन नियमित श्रमिकों के आश्रित में से दो को अनुकंपा नियुक्ति दी गई है।
विधायक देवेंद्र यादव ने आरोप लगाया और कहा कि सुरक्षा समिति का गठन बीएसपी के द्वारा नहीं किया जा रहा है। घटनाएं लगातार बढ़ रही है, अनुकंपा नियुक्ति नहीं दी जा रही है। क्या मंत्री राज्यस्तरीय समिति बनाकर अनुकंपा नियुक्ति दिलवाएंगे? मंत्री डहरिया ने कहा अधिकारियों द्वारा लगातार निरीक्षण किया जा रहा है। अनुकंपा नियुक्ति गवर्नमेंट ऑफ इंडिया का नियम है। ठेका मजदूरों को अनुकंपा नियुक्ति नहीं दी जाती है, इसके लिए राज्यस्तर पर सरकार प्रयास कर रही है। मंत्री के जवाब से विधायक देवेंद्र यादव ने असंतुष्टि जताई। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने टिप्पणी करते हुए कहा कि भिलाई स्टील प्लांट श्रम विभाग की सुन नहीं रहा है। उन्होंने मंत्री से कड़ाई से निर्देश देने की बात कही।(हि.स.)