रायपुर (mediasaheb.com) | अदाणी समूह के चेयरमैन श्री गौतम अदाणी के साठवें जन्मदिवस के शुभ अवसर पर आज 24 जून को भारत के साथ-साथ विदेशों में भी स्थित समूह के सभी संस्थानों में विशाल रक्त दान शिविर का आयोजन किया गया। इसी कड़ी में अदाणी समूह के रायपुर, सरगुजा, रायगढ़ जिले में स्थित सभी परियोजनाओं में विशेष रक्त दान शिविर लगाये और रक्त दान से सम्बंधित भ्रंतियां को दूर करने का भी प्रयास किया गया |
जिनमें अदाणी समूह के रायपुर जिले तिल्दा विकासखंड में स्थित रायपुर एनेर्जेन लिमिटेड (आरईएल) में दो दिवसीय विशाल रक्त दान शिविर का आयोजन संयंत्र परिसर में अदाणी फाउंडेशन के मार्गदर्शन में किया गया। दिनांक 23 और 24 जून को चलाये गए दो दिवसीय शिविर में कंपनी में कार्यरत ठेका कामगारों के साथ-साथ सभी अधिकारियों और कर्मचारियों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। इन दो दिनों में कुल 340 यूनिट रक्त रेड क्रॉस सोसाइटी, रायपुर को दान किया गया। इस उपलक्ष्य में समूह के रायपुर कार्यालय के समस्त स्टाफ द्वारा माना कैंप स्थित वृद्ध आश्रम में चावल दाल शक्कर इत्यादि राशन सहित फलों का दान भी किया गया।
शिविर का मुख्य उद्देश्य रक्त दान के बारे में मिथकों को तोड़ना तथा रक्त दान के संबंध में जागरूकता फैलाते हुए लोगों को नियमित रूप से रक्त दान करने के लिए प्रेरित करना है। शिविर की शुरुआत गुरूवार, 23 जून को आरईएल के स्टेशन हेड श्री रामभव गट्टू द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। उन्होंने अपने वक्तव्य में सामाजिक सरोकारों में समूह के नजरियों का जिक्र करते हुए रक्त दान को मानवता का महादान बताया एवं सभी कर्मचारियों से इस अभियान में में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेने की अपील की। शिविर का संचालन रेडक्रॉस सोसाइटी रायपुर के डॉ. डी.वी बघेल, श्रीमती दीपिका यदुजी एवं अन्य मेडिकल स्टाफ के नेतृत्व में हुआ । जिसमें सर्वप्रथम आरईएल के अधिकारियों का रजिस्ट्रेशन कर रक्त दान की शुरूआत की गयी। इसके बाद कंपनी में कार्यरत सत्रह कांट्रेक्टर कंपनीयों – फिलिप्स इंजीनियरिंग सर्विस, सोडेक्सो इंडिया, आयन एक्सचेंज, चेकमेट इत्यादि के कामगारों ने भी रक्त दान किया।
रक्त दान से सम्बंधित कई मिथक दूर किये गए
आम तौर पर पर रक्तदान से संबंधित समाज में कई भ्रांतियां हैं। जहां कई लोग ये मान कर बैठे हैं की शरीर में सीमित रक्त है, वही कुछ लोग ये कह कर इसमे सम्मिलित नहीं होते की प्रक्रिया में समय लगता है और दर्द भी काफी ज्यादा होता है| कुछ लोगों का ये भी मानना है कि उच्च रक्तचाप और मधुमेह की बीमारी में रक्त दान नहीं कर सकते और अब कोरोना वैक्सीन लिए हुए व्यक्ति भी रक्तदान नहीं कर सकते है | फाउंडेशन के तरफ से मेडिकल टीम ने सारी भ्रांतियां को दूर किया और शिविर में आए सब लोगों को इस बात के लिए प्रेरित किया की वो औरों में भी जागरुकता फेलायें।
मेडिकल टीम ने बताया कि वास्तविक तौर पर रक्त दान करते समय दर्द सिर्फ एक सुई ki चुभन से ज्यादा नहीं होता है। दान की प्रक्रिया, पंजीकरण तथा जलपान लेने तक मुश्किल से 20 से 30 मिनट लगते हैं। डोनेशन सेशन के दौरान सिर्फ 350-400 मि.ली. खून ही लिया जाता है। जबकि रक्तदान के बाद शरीर तेजी से नई कोशिकाओं का निर्माण कर इसकी आपूर्ति स्वयं ही कर लेता है। 18-60 वर्ष की आयु के बीच का कोई भी व्यक्ति जो फिट और स्वस्थ है, वह रक्त दे सकता है। 45 किलो से अधिक वजन वाला कोई भी व्यक्ति रक्तदान कर सकता है। वहीं बिना इन्सुलिन अर्थात गोलियों की मदद से अपने मधुमेह को नियंत्रित करने वाले व्यक्ति रक्तदान कर सकते हैं। जिनका रक्तचाप 100-140 सिस्टोलिक और 60-100 डायस्टोलिक के बीच नियंत्रित होता है, वे रक्तदान कर सकते हैं। और कोरोना वैक्सीन लिया हुआ व्यक्ति टीकाकरण के 14 दिन बाद और कोविड संक्रमण से ठीक होने के 28 दिन बाद रक्तदान कर सकता है।
शिविर का आयोजन में अदाणी फाउंडेशन को आरईएल के मानव संसाधन विभाग तथा कॉर्पोरेट अफेयर्स विभाग का विशेष सहयोग प्राप्त हुआ।