(mediasaheb.com) बॉलीवुड की सदाबहार अभिनेत्री रेखा आज अपना 65वां जन्मदिन मना रही है। 10 अक्टूबर 1954 को चेन्नई में जन्मींं रेखा का असली नाम भानुरेखा गणेशन था, जो आगे चलकर रेखा के नाम से मशहूर हुई। रेखा के पिता जेमनी गणेशन मशहूर तमिल अभिनेता और मां पुष्पावल्ली तेलुगू अभिनेत्री थीं। रेखा की प्रारंभिक पढ़ाई चेन्नई में ही हुई, लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण उन्हें पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ी।
रेखा ने अपने करियर की शुरुआत बाल कलाकार के रूप में तेलगु फिल्म ‘रंगुला रतलाम’ से की। इसके बाद रेखा ने साउथ की कई फिल्मों में अभिनय करने के बाद बॉलीवुड का रुख किया। रेखा को यहां पैर जमाने के लिए संघर्ष करना पड़ा। आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई और उन्होंने 1970 में फिल्म ‘सावन-भादो’ से बॉलीवुड में डेब्यू किया। यह फिल्म हिट रही और रेखा रातों-रात स्टार बन गई।इसके बाद रेखा ने कई फिल्मों में अभिनय किया, जिसमें ऐलान, रामपुर का लक्ष्मण, धर्मा, नमक हराम, धर्मात्मा, दो अंजाने, खून पसीना, गंगा की सौगंध, घर, मुकद्दर का सिकंदर, सुहाग, मिस्टर नटवरलाल, खूबसूरत, सिलसिला, उमराव जान, खून भरी मांग, बीवी हो तो ऐसी, फूल बने अंगारे, खिलाड़ियों का खिलाड़ी, आस्था, बुलंदी, जुबैदा, लज्जा, दिल है तुम्हारा, कोई मिल गया, क्रिश, सदियां, सुपर नानी शामिल है।
रेखा ने अपने 50 साल के करियर में 170 से ज्यादा फिल्मों में अभिनय किया है। 1990 में रेखा ने दिल्ली के एक व्यवसायी मुकेश अग्रवाल से शादी की थी, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। मुकेश ने शादी के एक साल बाद 1991 में आत्महत्या कर ली थी। इसके बाद रेखा अकेली हो गई। रेखा अपनी बिंदास लाइफ और बेबाक अंदाज के लिए जानी जाती है।रेखा अपनी फिल्मी और निजी जिंदगी को लेकर भी हमेशा सुर्खियों में रहती है। रेखा को 1982 में फिल्म ‘उमराव जान’ के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला। इस फिल्म में रेखा के नृत्य को काफी सराहा गया। इसके अलावा 1981 में ‘खूबसूरत’, 1989 में ‘खून भरी मांग’ के लिए भी उन्होंने सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्म फेयर पुरस्कार जीता था। 2003 में उन्हें ‘फिल्म फेयर लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार‘ और ‘सैमसंग दिवा पुरस्कार‘ तथा 2012 में ‘आउटस्टैंडिंग अचीवमेंट इन इंडियन सिनेमा‘ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। आज भी रेखा की खूबसूरती और अदाओं के दीवाने और चाहने वालों की संख्या लाखों में है। (हि स ) #Ailan #Lakshmana of Rampur #Dharma #Namak Haram #Dharmatma #Do Anjaan #khun pasina #Ganga’s Saugandha #Ghar #Muqaddar Ka Sikandar #Suhag #Mr. Natwarlal #Khubsurat #Silsila #Umrao Jaan #Khun Bhari mang #Biwi ho tho eaisi #Phool Bane angare #Khiladiyo kaa khiladi #Astha #Bulandi #Zubaida #Lajja #Dil hai Thumara #koee mil gaya #krish #sadiyaan #supar naanee