मुंबई, (mediasaheb.com)| वर्ष 1962 के लोकसभा चुनाव में बलरामपुर (श्रावस्ती) लोकसभा सीट पर सुप्रसिद्ध अभिनेता बलराज साहनी ने, अटल बिहारी वाजपेयी के विरूद्ध प्रचार किया था। उत्तर प्रदेश की बलरामपुर लोकसभा सीट से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने वर्ष 1957 के चुनाव में जीत हासिल की थी। वर्ष 1962 में अटल बिहारी वाजपेयी फिर बलरामपुर सीट से चुनावी रण्भूमि में उतरे। इस चुनाव में उनके सामने कांग्रेस प्रत्याशी सुभद्रा जोशी थीं। इससे पहले वह वर्ष 1952 में पंजाब के करनाल और वर्ष 1957 में अंबाला से सांसद रह चुकी थीं और दिल्ली में बस गई थीं। तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के आग्रह पर वह बलरामपुर से चुनाव लड़ने को राजी हो गयी थी।इस चुनाव में सुभद्रा जोशी चाहती थीं कि नेहरू खुद उनका प्रचार करें लेकिन नेहरू, अटल के खिलाफ प्रचार नहीं करना चाहते थे. ऐसे में सुभद्रा जोशी का प्रचार करने के लिए खुद नेहरू ने बलराज साहनी को कहा था, जो ‘दो बीघा जमीन’ फिल्म से अपनी पहचान बना चुके थे।
हालांकि अटल बिहारी वाजपेयी अपनी जीत को लेकर आश्वस्त थे। और इसके पीछे की वजह यह थी कि अटल जी का मानना था कि बलरामपुर की जनता सुभद्रा जोशी को इतना नहीं जानती थी और अटल जी एक बार जीते हुए कैंडिडेट थे। ऐसे में वो अपने चुनाव प्रचार में जुट गए।वहीं जब लोगों को पता लगा कि बलरामपुर में सुभद्रा जोशी के समर्थन में बलराम साहनी आ रहे हैं तो लोगों की रैलियों में भीड़ जुटने लगी। बताया जाता है कि बलराज साहनी बलरामपुर में शायर बेकल शाही के घर पर ठहरे थे और वही से सुभद्रा जोशी सहित वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने प्रचार की स्क्रिप्ट तैयार की।चुनाव प्रचार के दौरान आलम यह था कि लोग बलराज साहनी की एक झलक देखने के लिए घरों की छतों और खिड़कियों पर खड़े दिखाई दिए। बलरामपुर की गलियों और चौबारे भीड़ उमड़ी से पट गए। बलराज साहनी ने उस दिन शाम तक जनसभा की और कांग्रेस के लिए वोट मांगे।
सुभद्रा जोशी के पक्ष में ऐसा माहौल बना कि अटल बिहारी वाजपेयी अपनी जीती हुई सीट बलरामपुर हार गए। कांग्रेस प्रत्याशी सुभद्रा जोशी ने भारतीय जनसंघ उम्मीदवार अटल बिहारी वाजपेयी को सिर्फ 2052 वोट से हराया।बाद में वाजपेयी ने अपनी हार का बदला भी लिया। वर्ष 1967 में भारतीय जनसंघ प्रत्याशी अटल बिहारी वाजपेयी ने बलरामपुर से ही कांग्रेस की प्रत्याशी सुभद्रा जोशी को 31 हजार 704 मतों के अंतर से हराया। वर्ष 2009 में परिसीमन के बाद बलरामपुर सीट श्रावस्ती कहलाती है। श्रावस्ती लोकसभा सीट पर आगामी 25 मई को मतदान होगा। (वार्ता)