नई दिल्ली, (mediasaheb.com) ऑपरेशन ‘समुद्र सेतु’ के तहत भारतीय नौसेना का दूसरा जहाज आईएनएस मगर मंगलवार शाम को मालदीव की राजधानी माले से 202 भारतीयों को लेकर कोच्चि बंदरगाह पर पहुंच गया। बंदरगाह पर पहुंचने से पहले शाम को 202 भारतीय नागरिकों के साथ लौटे आईएनएस मगर का दक्षिणी नौसेना कमान के जहाजों ने स्वागत किया और फ्लीट में शामिल होकर कोच्चि हार्बर में प्रवेश किया।
कोचीन पोर्ट ट्रस्ट पर जब आईएनएस मगर ने अवरोहण किया तो सबसे पहले महिलाओं को क्रूज से बाहर आने दिया गया। जहाज पर कुल 202 नागरिक माले से लाये गए हैं जिसमें 24 महिलाएं (दो गर्भवती) और दो बच्चे शामिल हैं। गर्भवती महिलाओं को क्रूज टर्मिनल से बाहर निकालने में आईएनएस मगर युद्धपोत के चालक दल ने मदद की। इस जहाज पर तमिलनाडु के एक पुरुष यात्री को स्ट्रेचर से बाहर लाया गया क्योंकि उनके पैर में फ्रैक्चर था। माले में भी उन्हें स्ट्रेचर की मदद से जहाज पर सवार किया गया था।
यहां कोच्चि बंदरगाह पर जब जहाज पहुंचा तो मौसम धुंधलका और खुशनुमा था लेकिन इन भारतीय नागरिकों को मालदीव से निकालकर जहाज पर सवार करते समय वहां का मौसम भीषण बारिश की वजह से काफी खराब था लेकिन इसके बावजूद आईएनएस मगर के नौसेना कर्मियों ने अपना काम पूरा कर लिया। 10 मई की देर शाम आईएनएस मगर इन 202 भारतीय नागरिकों के साथ कोच्चि के लिए रवाना हुआ था। जब आईएनएस मगर माले पोर्ट से दूर था तभी भीषण बारिश और मौसम खराब हो गया। इसके बावजूद ऑपरेशन ‘समुद्र सेतु’ का मकसद पूरा करने में नौसेना ने हार नहीं मानी और माले बंदरगाह पहुंचकर भारतीय नागरिकों को लाने जहाज में चढ़ाने का कार्य शुरू किया।
जहाज के करीब तक नागरिकों को बस से लाया गया था। इसमें तमिलनाडु के एक पुरुष के पैर में फ्रैक्चर था, इसलिए उन्हें स्ट्रेचर से जहाज पर ले जाया लाया गया।
माले में भारी बारिश के कारण स्थिति कठिन होने के बावजूद नौसेना कर्मचारियों ने नागरिकों की सुरक्षा के इंतजाम किये गए। नौसेना के एक अधिकारी के अनुसार इस खेप में लाये जाने वाले नागरिकों के सामान को 08 मई को ही कीटाणुरहित कर दिया गया था और जहाज पर लगे विभिन्न क्षेत्रों के अनुसार उन्हें आईडी आवंटित की गई थी। मालदीव से भारतीयों को निकालने का दूसरा चरण 15 मई से शुरू होगा। आईएनएस जलाश्व मालदीव में फंसे सात सौ भारतीयों को माले बंदरगाह से लेकर कोच्चि पहुंचेगा। इसमें सिर्फ वही भारतीय शामिल होंगे जो केरल और केन्द्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप के निवासी हैं। जलाश्व पहले भी 10 मई को 698 नागरिकों को भारत वापस ला चुका है। (हि.स.) ।