नई दिल्ली, (mediasaheb.com) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना महामारी का मुकाबला करने तथा पूर्णबंदी (लॉकडाउन) समाप्त होने की प्रक्रिया के बारे में सोमवार को राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों और उप राज्यपालों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए विचार-विमर्श शुरू किया। बैठक में गृहमंत्री अमित शाह भी शामिल हैं।
अपराह्न तीन बजे शुरू हुई इस बैठक में प्रधानमंत्री लॉकडाउन को समाप्त करने के तौर-तरीकों के साथ ही आर्थिक गतिविधियों को फिर से बहाल करने के बारे में केंद्र सरकार का पक्ष रखेंगें तथा राज्यों के विचारों से अवगत होंगे। 25 मार्च से शुरू हुआ देशव्यापी लॉकडाउन 21 दिन की अवधि के बाद दो-दो सप्ताह बढ़ाया जा चुका है तथा अब इसे 17 मई को समाप्त होना है। केंद्रीय गृह मंत्रालय और स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय ने महामारी से प्रभावित क्षेत्रों, जिलों को प्रकोप की तीव्रता के मद्देनजर रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन में बांटा है तथा इसी आधार पर प्रतिबंधों को जारी रखने या उनमें ढील देने का फैसला किया था।
प्रधानमंत्री की मुख्यमंत्रियों व उप राज्यपालों के साथ यह पांचवीं बैठक है और उस समय हो रही है जब प्रवासी मजदूरों का उनके गृह राज्यों में जाना तथा विदेशों में फंसे प्रवासी भारतीयों का स्वदेश लौटना जारी है। भारतीय रेलवे भी सीमित पैमानें पर रेल सेवाएं शुरू करने जा रही है।
देश में कोरोना संक्रमण से पीड़ित लोगों और मरने वालों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। हालांकि, इसकी रफ्तार धीमी है। लॉकडाउन के प्रतिबंधात्मक उपायों के कारण संक्रमण के फैलने की रफ्तार को काफी हद तक काबू में रखा गया है। मोदी ने महामारी के फैलने के शुरुआती दौर में ‘जान है तो जहान है’ का सूत्र दिया था। बाद में उन्होंने ‘जान भी बचानी है जहान भी बचाना है’ की रणनीति सामने रखी थी, जिससे जाहिर हुआ था कि सरकार महामारी से लड़ते हुए आर्थिक गतिविधियों को दोबारा शुरू करने का इरादा रखती है। महामारी से कम प्रभावित राज्यों में आर्थक गतिविधियां धीरे-धीरे बहाल भी होने लगी हैं। इससे पहले प्रधानमंत्री ने कोरोना महामारी और उससे उपजे हालात के मद्देनजर 20 मार्च, 02 अप्रैल, 11 अप्रैल और 27 अप्रैल को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मुख्यमंत्रियों से चर्चा की थी। (हि.स.)।